हरिद्वार। भारत विकास पारिषद अविरल गंगा शाखा का 6 दिवसीय संस्कार शिविर आज 20 मई से शुरू हुआ है और जो 25 मई को खत्म होगा। शिविर प्रतिदिन शाम को 5 बजे प्रारंभ होगा और प्रतिदिन लगभग 2 घंटे चलेगा। इस शिविर मे मारवाड़ी कन्या इंटर कॉलेज स्कॉलर एकेडमी और सीबीआरआई बाल विद्या मंदिर के बच्चे भाग ले रहे हैं। पूरा शिविर ऑनलाइन हो रहा है। इस शिविर मे शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर बच्चों को विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देंगे. इसके अलावा बच्चों को बिना अग्नि के भोजन बनाना, संस्कार, योग प्राणयाम, गीता सार, स्वावलंबी कैसे बने, उद्यमी कैसे बने, क्लासिकल नृत्य, थिएटर, लघु बचत आदि पर व्याख्यान दिए जा रहे हैं और 25 मई को समापन समारोह में बच्चों की विभिन्न विषयों पर वाद विवाद प्रतियोगिता भी की जाएगी। उस दिन भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय मंत्री, प्रांतीय अध्यक्ष, प्रांतीय महासचिव भी ऑनलाइन शिविर का संचालन डॉ संगीता सिंह और शाखा की सचिव रीति वर्मा द्वारा किया गया। पहले दिन शाखा अध्यक्ष श्रीमती मधु जैन ने सभी का स्वागत किया, उसके बाद पहला व्याख्यान शाखा के मुख्य संरक्षक और आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉ सत्येंद्र मित्तल द्वारा दिया प्रोफेसर मित्तल ने कहा कि संस्कार जीवन में मनुष्य को मनुष्यता प्रदान करते हैं संस्कारों के बिना जीवन व्यर्थ है और जंगली जानवर के समान है। उन्होंने कहा कि संस्कार हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान कराते हैं प्रोफेसर मित्तल ने कहा कि भारतीय संस्कृति अपनी संस्कार की पहचान के कारण पूरे विश्व में सम्मान पाती है क्योंकि हमारे संस्कारों में नैतिकता को सर्वोच्च स्थान दिया गया है और हमें नैतिक मूल्यों को बनाए रखना है और आज समाज में नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। जिस कारण समाज में विकृतियां पैदा हो रही हैं जिन्हें दूर करने के लिए भारत विकास परिषद ने कोरोना काल में ऑनलाइन संस्कार शिविर का आयोजन किया है जिससे घरों में रह रहे बच्चे और उनके माता-पिता अवसाद की स्थिति से दूर हो सके। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए संस्था के प्रयासों की सराहना की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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