हरिद्वार। कोरोना महामारी के दृष्टिगत अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद् के मार्गदर्शक एवं संरक्षक पं. जुगुल किशोर तिवारी, आईपीएस ने परिषद के सभी सदस्यों एवं पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि आगामी 14 मई को अक्षय तृतीया तिथि को कलियुग में हम सबके उद्धारकर्ता चिरंजीव भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव को इस महामारी में घर पर रहकर ही मनाएं। उन्होंने अपने सन्देश में कहा है कि हम सब फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्वीटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम आदि पर भगवान परशुराम जी का चित्र डीपी के रूप में लगायें। प्रातः भगवान की मूर्ति का पूजन, चालीसा एवं आरती का सपरिवार गायन करें। हवन या संक्षिप्त यज्ञ करें जिससे वातावरण की शुद्धि हो। इस महामारी में जिन स्त्री, पुरूष और बच्चों का निधन हुआ है, उनकी आत्मा की शांति तथा परिवार को सम्बल प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना, 2 मिनट का ध्यान के साथ प्रारम्भ एवं अंत होने वाला मौन धारण करें। भगवान परशुराम के जीवन एवं कृतित्व की चर्चा करें जिससे परिवार के सभी बाल-वृद्ध भगवान की लीला को जान सकें। 14 मई को दोपहर 12 बजे अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के पेज पर भगवान परशुराम जी के जीवन एवं कृतित्व पर संक्षिप्त प्रकाश डाला जाएगा, इससे सभी लोग जुड़कर सुनें। परिषद की वेबसाइट पर भी भगवान परशुराम की कथा व लेख पढ़ें जा सकते हैं। शाम को पुनः भगवान की चालीसा और आरती का गायन करें। यथा सामर्थ्य दान-पुण्य, प्रसाद वितरण भी करें। परिषद के प्रदेश संयोजक पं. बालकृष्ण शास्त्री के अनुसार उत्तराखण्ड के वरिष्ठ पदाधिकारियांे ने आपस में विचार विमर्श कर एवं केन्द्रीय निर्देशानुसार भगवान परशुराम जन्मोत्सव अक्षय तृतीया के अवसर पर सामूहिक कार्यक्रमों को स्थगित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं एवं धर्मालम्बियों से निवेदन किया है कि अपने-अपने घरों में व्यक्तिगत रूप से (सोशल डिस्टेन्सिंग) का ध्यान रखते हुये भगवान का पूजन करें। प्रदेश अध्यक्ष पं. मनोज गौतम ने परिषद के सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव पर लॉकडाउन का पालन करते हुए सभी सनातन प्रेमी परिवार घरों पर ही सूक्ष्म पूजन करें किसी प्रकार का सामूहिक उत्सव न मनायें। इस संकटकाल में उत्तराखण्ड ही नहीं पूरे भारत के सभी ब्राह्मण संगठनों ने भगवान परशुराम के जन्मोत्सव को प्रतीकात्मक एवं सांकेतिक रूप से ही मनाने का निर्णय एवं आह्वान किया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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