हरिद्वार। अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने बताया कि जिस प्रकार पूरे विश्व में कोरोना महामारी फैल रही है। उसे जड़ से खत्म करने के लिए तीनों अनीयों के संत महापुरूष दो माह तक बैरागी कैंप में विशेष अनुष्ठान व महायज्ञ करेंगे। श्रीमहंत राजेंद्रदास ने देश के सभी संत महापुरूषों से अपील करते हुए कहा है कि भारत में इस संकट की घड़ी में सभी संत महापुरूषों को एकजुट होकर इस कोरोना महामारी को दूर भगाने में केंद्र सरकार का सहयोग करना चाहिए। क्योंकि पूरे देश में आज कोरोना महामारी के डर से चाहे बच्चे हों या जवान या बुजुर्ग हों। यह सभी को अपनी चपेट में लेकर बीमार कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बतायी गयी गाइड लाईन का समस्त देशवासी गंभीरता से पालन करें। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने बताया कि गंगा दशहरे पर तीनों बैरागी अखाड़ों के संत गंगा स्नान कर मां गंगा से विश्व कल्याण की कामना करेंगे। वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास नगरिया एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा है कि समस्त देशवासियों को कोरोना जैसी महामारी से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। जो भी भगवान श्रीरामचंद्र के नाम का 51 बार जाप करेगा। कोरोना महामारी उसके पास भी नहीं फटकेगी। उन्होंने कहा कि देवों के देव भगवान शिव, भगवान विष्णु और मां गंगा मैया की असीम कृपा से जो भी श्रद्धालु भक्त इस संकट की घड़ी में अपने ईष्ट देवताओं के नाम का जाप करेगा। उसके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास ने कहा कि महाकुंभ मेला ईश्वर की असीम कृपा और संत महापुरूषों के आशीर्वाद से सकुशल संपन्न हुआ है। उन्होंने सभी संतों को एकजुट करने में अपनी अहम भूमिका निभायी। जिससे महाकुंभ मेला सभी संत महापुरूषों के आशीर्वाद से सकुशल संपन्न हुआ।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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