हरिद्वार। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस के रूप में मनाते हुए किसान कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने जगजीतपुर स्थित मां गंगा ब्लड बैंक में रक्तदान किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों को मास्क भी वितरित किए। प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्व.गांधी के आदर्शों पर चलते हुए सद्भाव का वातावरण बनाने के साथ लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के शिल्पी पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.राजीव गांधी को श्रद्धांजलि स्वरूप कार्यकर्ताओं ने 20 यूनिट रक्तदान कर ब्लड बैंक में जमा किया। जिला अध्यक्ष दिनेश वालिया ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में कार्यकर्ता लोगों की निरंतर मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बदहाल हैं। जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की। नरेश सेमवाल ने कहा कि स्व.राजीव गांधी के विचारों व उनके आदर्शो को अपनाते हुए समाज में आपसी भाईचारे व सद्भाव को मजबूत करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। इस दौरान ब्लड बैंक के एमडी एमएस नेगी, संदीप चैधरी, सुनीता, आकांक्षा दीक्षित ने कोरोना काल में रक्तदान करने के लिए किसान कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार जताया। रक्तदान करने वालों में प्रदेश प्रवक्ता अनुज चैधरी, नरेश सेमवाल, उदयवीर चैहान, प्रशांत चैहान, उमेश बर्मन, गुलफाम, अजय नौटियाल, गंगा प्रसाद, विकास राजपूत, महेश धीमान, हिमांशु अरोड़ा, विवेक शर्मा, श्रद्धा शर्मा, मोनिका अरोड़ा, मधुर वासन, अमित चतुर्वेदी, रमेश चंद चैधरी, अजीत कुमार, सचिन कुमार, प्रवीण, कपिल सुभाष आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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