हरिद्वार। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा और श्री पंच अग्नि अखाड़ा ने परशुराम जयंती धूमधाम से मनायी। कोविड नियमों के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संत महंतों ने भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर पूर्ण विधि विधान के साथ ब्रह्मा, गणेश, विष्णु भगवान, भगवान शंकर, अश्वत्थामा, राजा बलि, महर्षि वेदव्यास, हनुमान, लंकापति विभीषण, कृपाचार्य, मार्कण्डेय ऋषि, मां गंगा व गायत्री माता की पूजा अर्चना व जप कर देश दुनिया से कोरोना का प्रकोप दूर करने की कामना की। इस अवसर पर पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम ने जीवन भर न्याय के लिए संघर्ष किया। राक्षसों व दानवों का वध कर उन्होंने मानवता की रक्षा की। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते मानव कल्याण के लिए सदैव प्रत्यनशील रहना चाहिए। श्रीमहंत साधनानंद महाराज ने कहा कि ब्राह्मण शिरोमणी महान पितृभक्त चिरंजीवी परशुराम ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए सदैव मानव कल्याण में योगदान किया। सभी को उनके आदर्शो से प्रेरणा लेकर मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। स्वामी रूद्रानंद महाराज व स्वामी प्रयागराज गिरी ने कहा कि संत समाज सदैव ही विश्व कल्याण की कामना करता है। भगवान परशुराम ने आसुरी शक्तियों का विनाश कर मानव कल्याण में योगदान किया। जन-जन के आराध्य भगवान परशुराम के जीवन युवा वर्ग को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर श्रीमहंत कमलानंद ब्रह्मचारी, आचार्य जयदीप भाई शास्त्री, शुक्ला नंद ब्रह्मचारी, आचार्य श्री लक्कड वाले, आचार्य श्री चतुर्भुजा नंद अग्निहोत्र, शीतला प्रसाद उपाध्याय, शीतल प्रसाद, चमन गिरी, सूरज शर्मा, पंच अग्नि अखाड़ा केनागा बाबा पुष्कर वाले आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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