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स्वामी रामदेव का बयान बहुत ही निन्दनीय-भूमा पीठीधीश्वर स्वामी अच्यूतानन्द तीर्थ

 

हरिद्वार। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ महाराज ने स्वामी रामदेव के बयान कि ‘जिन माता-पिता, अभिभावकों के बच्चे बीमार होते है, उन माता-पिता व अभिभावकों को दण्डित करना चाहिए’ की कड़ी निन्दा की है। स्वामी अच्यूतानन्द तीर्थ महाराज ने कहा कि स्वामी रामदेव का यह बयान बहुत ही निन्दनीय है। स्वामी रामदेव को बताना चाहिए कि यदि किसी व्यक्ति के माता पिता इस दुनिया में नही है और वह व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसकी सजा किसी दी जायेगी। शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को जो भी सुख-दुख प्राप्त होता है। वह उसके अच्छे-बुरे कर्मो का फल ही होता है। इसमें किसी के माता पिता, भाई बहन या किसी अन्य व्यक्ति का दोष नही होता। अपने कर्मो की सजा तो स्वयं ही भुगतनी पड़ती है। भगवान श्रीकृष्ण ने भगवत् गीता यह स्पष्ट कहा है। स्वामी अच्यूतानन्द तीर्थ महाराज ने कहा कि यदि बाबा रामदेव का बयान सही है तो सबसे पहले वे अपने माता पिता को दण्डित करें। क्योंकि बचपन में वे भी बीमार हुए थे। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के लिए बीमारियाँ तो वरदान है। यदि बीमारियाँ नही होती। तो न ही बाबा रामदेव का योग बिकता और न ही उनकी दवाँईया बिकती। जहां तक योग की बात है। योग केवल पेट घुमाना और हाथ-पैर घुमाना ही नही है। स्वामी रामदेव पहले भारतीयों के जीन्स पहनने पर बुराई करते थे कि जीन्स का पहनावा विदेशी है। अब वे कहते है कि जीन्स पहनना संस्कारी है और स्वदेशी है। ऋषि परम्पराओं के अनुसार साधु-सन्यासी के प्रति समाज में जो सम्मान व आस्था होती है। उसी सम्मान व आस्था का दोहन कर बाबा रामदेव अपना व्यापारिक साम्राज्य स्थापित कर रहे हैं। स्वामी रामदेव को संत समाज के प्रति कोई लगाव नहीं है। वे केवल अपने व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं। जबकि पतंजलि के सिद्धान्त आदि जगद्गुरु शंकराचार्य के सिद्धान्त एवं भागवत गीता के सिद्धान्त से भिन्न है। क्योंकि इनके अनुसार योग, बाहृय शरीर से नही होता है। इसका शाब्दिक अर्थ मनुष्य के श्वास, मन व बुद्धि से योग करना होता है, न कि किसी बाह्य शरीर से। 


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।