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बैरागी संतों ने धूमधाम से मनायी परशुराम जयंती

 

हरिद्वार। तीनों बैरागी अनी अखाड़े के संतों ने भगवान परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाई। इस दौरान तीनों वैष्णव अखाड़ों की ओर से श्री ज्ञान गंगा गौशाला के अध्यक्ष महंत रामदास महाराज को भगवान परशुराम का अस्त्र फरसा भेंट किया गया। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि भगवान परशुराम वीरता के साक्षात उदाहरण थे। जिन्होंने दानवो एवं राक्षसों के विनाश के लिए भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में जन्म लिया। भगवान परशुराम अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं। जो सदैव मानवता की रक्षा के लिए पृथ्वी पर विराजमान रहेंगे। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि फरसा प्रतीक है शौर्य एवं ताकत का और राम मर्यादा सत्य सनातन व धर्म के प्रतीक हैं। उसी तरह परशुराम शास्त्र एवं शस्त्र का अनूठा संगम है। श्रद्धा पूर्वक की गई इनकी उपासना से व्यक्ति को यश वैभव एवं बल बुद्धि की प्राप्ति होती है। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि भगवान परशुराम मानव कल्याण के लिए वर्तमान में भी तपस्या में लीन है। शास्त्र एवं शस्त्र के महान गुरु परशुराम परम तपस्वी एवं तेजस्वी हैं। जिनकी साधना करने से धन धान्य और ज्ञान अर्जन करने वाला व्यक्ति हर प्रकार से संपन्न और साहसी होता है। भगवान परशुराम अपने भक्तों को आज भी दर्शन देकर उनका कल्याण करते हैं। श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रामकृष्ण दास महाराज ने कहा कि जन-जन के आराध्य व हिंदू समाज के गौरव भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। महंत नरेंद्र दास एवं महंत महेश दास महाराज ने कहा कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए दान पुण्य का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता है। न्याय के पक्षधर भगवान परशुराम दीन दुखियों शोषित की निरंतर सहायता और रक्षा करते हैं। महंत रामदास महाराज ने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है। ऐसे में ईश्वरीय कृपा मात्र से ही मानव जगत की रक्षा हो सकती है। इस दौरान महंत हितेश दास, ब्रह्मांड गुरु अनंत महाप्रभु, संत सेवक दास, महंत रितेश दास, महंत महायोगी, महंत रघुवीर दास, महंत विष्णुदास, महंत प्रह्लाद दास, महंत राजेंद्रदास, महंत अमित दास, महंत नागा सुखदेव दास, समाजसेवी गौरव गोयल, ओमकार जैन सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।