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श्रमिक यूनियनों ने बैठक कर कोरोना से संक्रमित होकर मृत श्रमिको को दी श्रद्वांजलि

पचास फीसदी मेन पावर के साथ संचालित किया जाए भेल संस्थान-विकास सिंह

 हरिद्वार। भेल की हीप एवं सीएफएफपी की श्रमिकों यूनियनों ने बैठक कर कोरोना से जान गंवाने वाले श्रमिकों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। बैठक में हैवी इलेक्ट्रिकल वर्कर्स ट्रेड यूनियन के महामंत्री विकास सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी अत्यधिक तेजी से फैल रही है। भेल के सैकड़ो कर्मचारी कोरोना महामारी के शिकार हो चुके है तथा 16 स्थाई कर्मचारी तथा कई संविदा कर्मचारियों की कोरोना से संक्रमित होने से जान चली गयी है। कोरोना की पहली लहर में भारत सरकार के आदेशानुसार सभी औद्योगिक संस्थानों 50 फीसदी मानव शक्ति के साथ संचालित किया गया था या फिर कर्मचारी वर्क टू होम नीति के तहत कार्य कर रहे थे। जिससे कोरोना महामारी का प्रकोप अत्यंत कम था। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल उत्तराखंड व मुख्यमंत्री उत्तराखंड, मांग करते हुए कहा कि सभी औद्योगिक संस्थान 50 फीसदी मेन पावर के साथ संचालित किए जांए या कर्मचारियों को वर्क टू होम का विकल्प दिया जाए। औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों और उनके परिवार जनों को प्राथमिकता से कोरोना वैक्सीन लगाई जाए। जिन कर्मचारियों की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है। उनके आश्रितों को स्थाई नौकरी का प्रावधान लागू किया जाए। जिससे कर्मचारी के परिवार के बाकी सदस्य सुखमय जीवन यापन कर सकें। सीएफएफपी श्रमिक यूनियन के महामंत्री अमित गोगना ने कहा कि भेल की कई यूनिटों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने देश में ऑक्सीजन की परेशानी काफी हद तक दूर हुई है। भेल सेनेटाइजर मशीन बना कर शहरों को सेनेटाइज करने का काम भी कर रही है। उसके बाद भी भेल के कर्मचारियों को न तो प्राथमिकता के आधार पर वेक्सीन मिल रही है और न ही औद्योगिक संस्थान को 50 फीसदी मेन पावर के साथ या वर्क टू होम नीति के तहत संचालित किया जा रहा है। जो भेल कर्मचारियों के साथ अन्याय है। बैठक में सभा में रवि कश्यप, अशोक सिंह, अर्जुन सिंह, बलबीर सिंह रावत, राकेश मालवीय, अरविंद मावी, कामता प्रसाद, प्रह्लाद सिंह चैहान, सतेंद्र प्रताप सिंह, कमलेश राय, नवीन कुमार, हरिहर प्रसाद, हरीश साहू, संदीप जोशी, दिवस श्रीवास्तव, बीजी शुक्ला, महावीर कश्यप, विपिन कश्यप, वीरेंद्र सिंह भदौरिया, दीपक पाल आदि सहित भेल के कई कर्मचारी उपस्थित रहे।


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