हरिद्वार। प्रदेश के सिंचाई,पर्यटन एवं तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में शुकवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना हेतु भूमि चयन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने बताया कि हरिद्वार में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना हेतु भूमि चयन के लिये एक कमेटी गठित की गयी है, जिसने भूमि के लिये हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया है। बैठक में बोलते हुये सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हरिद्वार धर्म नगरी है, इसका बहुत बड़ा महत्व है। यहां से अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें प्रारम्भ होने से विभिन्न उद्देश्यों के लिये विश्व के कई देशों से आवा-गमन होगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे तथा यह हमारे भविष्य के लिये काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार का हवाई सम्पर्क विश्व के लगभग सभी देशों से होना ही चाहिये। इस मौके पर जनपद प्रभारी मंत्री ने नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों से अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना हेतु जो मानक निर्धारित किये गये हैं, के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुये विस्तृत विचार-विमर्श किया। सतपाल महाराज ने बैठक में नागरिक उड्डयन एवं विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना हेतु संभावित भूमि का मौका मुआयना करके अपनी रिपोर्ट यथाशीघ्र प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि भूमि के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्राप्त हो जाने पर प्रस्ताव आदि बनाने की आगे की कार्रवाई की जायेगी। बैठक में ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, अपर जिलाधिकारी के0के0 मिश्रा, डी0सी0 लक्सर शैलेन्द्र सिंह नेगी, एसडीएम भगवानपुर सुश्री स्मृता पंवार, एस0डी0एम0 सन्तोष पाण्डे के अलावा नागरिक उड्डयन, पुलिस विभाग के अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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