हरिद्वार। जनपद हरिद्वार में कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत मरीजों के बेहतर इलाज के लिये जनपद में अनेक डी0सी0एच0सी0(डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेण्टर) का संचालन किया जा रहा है, जिसके क्रम में पावन धाम आश्रम स्थित कुम्भ मेला द्वारा स्थापित आधार चिकित्सालय का संचालन उत्तराखण्ड सरकार और पतंजलि योगपीठ के सहयोग से किया जा रहा है। इस चिकित्सालय में कोविड-19 के द्वितीय चरण में काफी संक्रमित लोगों का सफल उपचार किया गया। वर्तमान में जनपद में संक्रमण की घटती दर को देखते हुये, आधार चिकित्सालय में कोविड-19 का कोई भी मरीज भर्ती न होने, अस्थाई निर्माण होने, आगामी मानसून सत्र के दृष्टिगत इस चिकित्सालय को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पतंजलि के माध्यम से अपना सहयोग शुरू से दिया जा रहा था, उसी दिशा में पतंजलि योगपीठ बाबा बर्फानी अस्पताल के संचालन हेतु रू0 51 लाख (रूपये इक्यावन लाख) की धनराशि का सहयोग करेगी। इसके अतिरिक्त गुरूकुल परिसर में 80 बेड का कोविड-19 के उपचार हेतु डी0सी0एच0सी0(डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेण्टर) विगत माह में केन्द्रीकृत आॅक्सीजन व्यवस्था हेतु निर्माणाधीन थी, वह अब पूर्णकर अन्य संसाधनों के साथ विकसित कर दी गयी है। यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी हरिद्वार द्वारा दी गयी है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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