हरिद्वार। सफाई मजदूर नेताओं ने कुंभ मेले में भर्ती किए गए सफाई मजदूरों को वेतन भुगतान नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की है। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस व कुंभ मेला सफाई मजदूर समिति के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र तेश्वर, राजेंद्र श्रमिक, अशोक तेश्वर, राजेंद्र चुटैला, आत्माराम बेनीवाल आदि ने आरोप लगाया कि कुंभ मेला क्षेत्र की सफाई व्यवस्था के लिए कुंभ मेला प्रशासन ने सफाई का कार्य ठेके पर दिया था। जिसके अंतर्गत पंतद्वीप, चण्डीद्वीप, गौरीशंकर द्वीप, बैरागी कैम्प तथा कनखल क्षेत्र में बैंक खातों के माध्यम से वेतन भुगतान वर्क आर्डर के अनुरूप किए जाने का आश्वासन देकर सफाई मजदूरों को काम पर रखा गया था। कुंभ मेला समाप्त होने के बाद 26 मई तक बैंक खाते में वेतन आने का आश्वासन देकर बाहर से आए सफाई मजदूरों को वापस भेज दिया गया। सफाई मजदूर नेताओं द्वारा उपमेला अधिकारी के साथ हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था। बैठक के दौरान ठेकेदारों ने शीघ्र वेतन भुगतान का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक भी मजदूरों को उनका वेतन नहीं मिल पाया है। अधिकारी गरीब सफाई मजदूरों की समस्या पर ध्यान देने के बजाए ठेकेदारों का भुगतान कराने का प्रयास कर रहे हैं। सफाई मजदूरों नेताओं ने कहा कि इस कुंभ मेले में सफाई कर्मचारियों के साथ संबंधित ठेकेदारों ने जो बर्ताव किया है उसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है। सफाई मजदूर नेताओं ने बताया कि ठेकेदारों से सफाई मजदूरों का वेतन दिए जाने की मांग पर वे सत्ता की हनक दिखा रहे हैं। इस सबंध में जल्द ही ऑडिट विभाग को ऐसे ठेकेदार की कमियों से विस्तार से अवगत कराया जाएगा तथा मुख्यमंत्री से भेंटकर ठेकेदारेां के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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