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अन्र्तराष्ट्रीय योग सप्ताह के दूसरे दिन कई विशेषज्ञ हुये परिचर्चा में शामिल

 हरिद्वार। अन्तर्राष्ट्रीय योग सप्ताह के दूसरे दिन की परिचर्चा में देश के मूर्धन्य विद्वानों का उद्बोधन हुआ। परिचर्चा के प्रथम सत्र को उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति एवं मर्म चिकित्सा के मर्मज्ञ डाॅ. सुनील जोशी ने मर्म चिकित्सा एवं मनोशारीरिक स्वास्थ्य विषय पर बोलते हुए उन्होंने शरीर के मर्म स्थलों को प्राण की ऊर्जा का केन्द्र बताया। उन्होने सामान्य रोगों के उपचार हेतु मर्म बिन्दुओं की दबाव विधि एवं उसके लाभ भी बताये। द्वितीय परिचर्चा में कैवल्यधाम से योग दर्शन के अनुभवी विद्वान डाॅ. ज्ञान शंकर सहाय ने शास्त्रोक्त प्राणायाम विषय पर व्याख्यान के क्रम में प्राणायाम को नाड़ी शुद्धि एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य हेतु रामबाण बताया। व्याख्यानमाला की अगली कड़ी में योग चिकित्सा की अवधारणा पर शरद भालेकर ने प्रतिभागियों से युक्त आहार-विहार-निद्रा को जीवन में शामिल करने का अनुरोध किया। मनोविज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापिका डाॅ. वैशाली गौड़ ने सतोगुणी, रजोगुणी एवं तमोगुणी व्यक्ति के व्यक्तित्व की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। सेंचूरियन विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान के सहायक प्राध्यापक ज्ञानेन्द्र मिश्र ने भौतिक विज्ञान एवं अध्यात्म विज्ञान के समन्वय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। अन्तिम वक्ता के रूप में योग अध्ययन विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष अनुभवी विद्वान् प्रो. जी.डी. शर्मा ने अपना प्रभावी उद्बोधन देते हुए योग दर्शन एवं आयुर्वेद में वर्णित स्वास्थ्य के गूढ़ रहस्यों की चर्चा की। बी.एस-सी. (योग विज्ञान), द्वितीय वर्ष के छात्र वरदान चैधरी ने ‘योग करते रहो, योग्य बनते रहो’ गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी। इसी क्रम में वैदिक गुरुकुलम् के ब्रह्मचारियों द्वारा जटिल योगासनों एवं मलखम्भ की लाइव प्रस्तुति भी दी गई। योग सप्ताह के आयोजन सचिव सहायक कुलानुशासक स्वामी परमार्थदेव ने प्रतिभागियों को भजन के माध्यम से प्रेरणा दी एवं विद्वानों, अतिथियों का सहृदय आभार व्यक्त किया। योग सप्ताह के द्वितीय दिवस का सफल संचालन योग विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. नरेन्द्र सिंह ने किया। ‘फेसबुक लाइव’ एवं ‘जूम’ के माध्यम से देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों के आचार्य, विद्यार्थी एवं आमजन भी इस वेबिनार से जुड़े रहे। इस आयोजन के अवसर पर विश्वविद्यालय के आचार्य डाॅ. निधीश, डाॅ. बिपिन, डाॅ. अभिषेक, स्वामी सोमदेव, उप-कुलसचिव डाॅ. निर्विकार सहित विश्वविद्यालय के कर्मयोगीगण कपिल,गिरिजेश, प्रवेश सैनी, राजेश, सुरेन्द्र, अनिल,महेश, राहुल, धमेन्द्र, कु. शिखा एवं विभिन्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी भी शामिल हुए।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

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ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।