हरिद्वार। कोरोना टेस्ट में घपले की जांच को जिलाधिकारी सी रविशंकर की ओर से तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने के बाद अब मेलाधिकारी स्वास्थ्य डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर की ओर से भी चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। मेलाधिकारी स्वास्थ्य ने कमेटी की ओर से जांच शुरू किए जाने की जानकारी दी है। दरअसल, कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की कोविड जांच में धांधली की असलियत का पता लगाने को शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी सी रविशंकर की ओर से 10 जून को तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में गठित समिति में मुख्य कोषाधिकारी और जिला विकास अधिकारी शामिल हैं। समिति 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति की ओर से जांच भी शुरू कर दी गयी है। इधर, मेलाधिकारी स्वास्थ्य डॉ अर्जुन सिंह सेंगर की ओर से भी चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गयी है। डॉ. एनके त्यागी को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। कमेटी में एसीएमओ डॉ एचडी शाक्य, लिपिक सुभाषचंद और फार्मेसिस्ट प्रदीप पांडे शामिल हैं। मेलाधिकारी स्वास्थ्य डॉ सेंगर ने बताया कि जांच शुरू कर दी गयी है। ज्ञात रहे कि फरीदकोट पंजाब निवासी एक व्यक्ति ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से कोरोना जांच में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इस व्यक्ति के मोबाइल पर कोविड टेस्ट संबंधी मैसेज आया था, जबकि संबंधित ने कोई जांच नहीं कराई थी। राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मामले की प्रारंभिक जांच करायी। कोविड मामलों के चीफ कंट्रोलिंग ऑफिसर डॉ अभिषेक त्रिपाठी के स्तर से की गयी इस जांच में प्रथम दृष्ट्या शिकायत सहीं पायी। इतना ही नहीं उन्होंने एक लाख से अधिक कोरोना जांच में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है। डॉ. त्रिपाठी ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मामले को गंभीर बताते हुए इसकी विस्तृत जांच की सिफारिश की थी। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने जिलाधिकारी हरिद्वार को विस्तृत जांच के आदेश दिए थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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