हरिद्वार। ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती और पथरी पुलिस की संयुक्त टीम ने पथरी क्षेत्र के गांव घिस्सुपुरा स्थित एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर नशे की दवाइयों का जखीरा जब्त किया। बताया जा रहा है कि मेडिकल संचालक नशे की दवाइयों को रिटेल में सप्लाई करता था।जिसकी काफी समय से सूचनाएं मिल रही थी। टीम ने मौके पर मिली नशीली दवाइयों को सील कर मेडिकल संचालक को हिरासत में लिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने पथरी पुलिस टीम के साथ शुक्रवार को घिस्सुपुरा गाॅव में संचालित एक मेडिकल स्टोर पर लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान मेडिकल स्टोर से बड़ी मात्रा में नशे की दवाइयां पकड़ी गई। बताया जा रहा है कि मेडिकल स्टोर से नशे की दवाइयों में एक हजार गोलियां और कैप्सूल मिले। इसके अलावा एक पेटी में प्रतिबंधित दवाइयां पकड़ी गई हैं। बताया कि स्टोर संचालक ने दुकान पर एमबीबीएस का बोर्ड लगाया हुआ है जबकि उसके पास न कोई डिग्री और लाइसेंस है। मौके पर मिली नशीली दवाइयों व प्रतिबंधित दवाइयों के जखीरे को सील कर आरोपी मेडिकल संचालक को हिरासत में ले लिया गया है। आरोपी के खिलाफ पथरी थाने में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर की कार्रवाई देख आसपास के सभी मेडिकल स्टोर संचालक दुकान बंद कर भाग निकले। इससे पूर्व में ऐथल में पुलिस ने नशीली दवाइयों का बड़ा जखीरा पकड़ा था। ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि मेडिकल स्टोर पर छापेमारी के दौरान एक हजार नशीली गोलियां व कैप्सूल, एक पेटी में करीब एक हजार से अधिक गोलियां प्रतिबंधित दवाइयों की बरामद हुई है। जिन्हें डॉक्टर के परामर्श पर ही दिया जा सकता है। ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार सभी दवाइयों को सील कर आरोपी मेडिकल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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