हरिद्वार। जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने शनिवार को यहां बताया कि नमामि गंगे की गंगा के आसपास के क्षेत्रों को हराभरा करने की योजना गतिमान है। वही हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण की ’’शहरी पोषण वाटिका’’ योजना के तहत नमामि गंगे एवं प्राधिकरण के संयुक्त प्रयासों से पूरे जनपद में अभियान के रूप में पेड़-पौंधे लगाने की विस्तृत कार्य योजना शुरू की जा रही है। इसके अन्तर्गत गंगा दशहरा 20 जून के पावन अवसर पर हरकीपैड़ी से प्रथम चरण में 100 भवनों की छतों को हरा-भरा करने के लिये’’रूफ टाप गार्डिनिंग’’के संयुक्त अभियान की शुरूआत की जायेगी। ताकि घरों की छतों में पूरी हरियाली ही हरियाली दिखे। जिलाधिकारी ने कहा कि रूफ टाप गार्डिनिंग के इस अभियान के तहत नमामि गंगे एवं एचआरडीए द्वारा लोगों को सब्जियों के बीज एवं खाद निःशुल्क उपलब्ध कराई जायेगी। योजना के तहत आगे चलकर लोगों को सब्जियों के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के फूलों के पौंधे भी उपलब्ध कराये जायेंगे। एक अन्य योजना स्मृति वन, जो हरियाली बढ़ाने में सहायक होगी, के बारे में बताते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि इसके तहत कोई भी व्यक्ति अपने प्रियजनों (पितरों) की याद में स्मृति वन में पौध रोपण कर सकता है, उस लगाये गये पौंध्र्रे की समय -समय पर क्या प्रगति है। उसकी फोटो या वीडियो व्हाट्सअप पर एक अन्तराल के बाद प्रेषित करने की व्यवस्था रहेगी। उस पेड़-पौध के पास सम्बन्धित व्यक्ति अपना विवरण नाम पता आदि लिख सकता है। उन्होंने बताया कि पहले स्मृति वन में पौंध-पेड़ लगाने के लिये दो हजार रूपये की धनराशि रखी गयी थी। जिसे अब घटाकर केवल 500 रूपये कर दिया गया है, ताकि स्मृति वन योजना में पेड़ लगाने के लिये अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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