हरिद्वार। गंगा दशहरा के अवसर पर बैरागी कैंप स्थित श्री ज्ञान गंगा गौशाला में वैष्णव संतो ने कोरोना महामारी की समाप्ति एवं विश्व कल्याण हेतु हवन यज्ञ किया। इस दौरान अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि प्राणी मात्र के उद्धार के लिए धरती पर अवतरित हुए पतित पावनी मां गंगा करोड़ों सनातन प्रेमियों की आस्था का केंद्र है। जो युगांे युगों से मानव जाति का उद्धार करती चली आ रही है। गंगा दशहर के अवसर पर श्रद्धा पूर्वक मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होती है और गंगा के स्पर्श मात्र से ही मनुष्य को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि पतित पावनी मां गंगा की असीम कृपा से जल्द ही कोरोना महामारी संपूर्ण विश्व से समाप्त होगी और हर और खुशहाली लौटेगी। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद महाराज ने कहा कि पापों से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा अवसर गंगा दशहरा का पावन दिन है। मोक्षदायिनी मां गंगा जग की पालनहार है। सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी के कमंडल से धरती पर अवतरित हुई मां गंगा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है और उन्हें सहस्र गुना पुण्य फल प्रदान करती है। समस्त मानव समाज को मां रूपी पवित्र गंगा की जलधारा को स्वच्छ बनाए रखना चाहिए। श्री ज्ञान गंगा गौशाला के अध्यक्ष महंत रामदास महाराज व महंत रामजीदास ने सभी संत महापुरुषों का स्वागत करते हुए कहा कि संतो द्वारा किए गए तप एवं धार्मिक अनुष्ठान अवश्य ही मानव जाति को लाभ प्रदान करते हैं। हमें समझने की आवश्यकता है कि गंगा केवल जलधारा ही नहीं अपितु जनजीवन और लोक संस्कृति का अभिन्न अंग है। गंगा दशहरा पर हम सभी को संकल्प लेना होगा कि वर्तमान में गंगा स्वच्छता में हम सभी पूर्ण रुप से सहयोग करेंगे। समाजसेवी पवन शर्मा ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर महंत हितेशदास, महंत रामजीदास, संत सेवकदास, महंत अगस्त दास, महंत संगमपुरी, महंत शिवनाथ दास, महंत सतनाम दास, महंत बिहारी शरण, महंत सूरजदास, महंत धीरेंद्र पुरी, महंत रघुवीर दास, समाज सेवी ओंकार जैन आदि मौजूद रहे।
Comments
Post a Comment