Skip to main content

त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत ईश्वरदास -महंत महेश्वरदास


 हरिद्वार। ब्रहमलीन महंत ईश्वरदास महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थें। जिन्होंने सदैव भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। उक्त उद्गार श्रीमहंत महेश्वरदास महाराज ने चेतन देव कुटिया में आयोजित ब्रह्मलीन महंत ईश्वरदास महाराज के श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। ब्रह्मलीन महंत ईश्वरदास महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए श्रीमहंत महेश्वरदास दास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन महंत ईश्वरदास महाराज के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए देश व समाज के उत्थान में अपना योगदान देना चाहिए। श्रीमहंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत ईश्वरदास महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। अध्यात्म व गंगा के प्रति उन्हें बेहद लगाव था। ब्रह्मलीन महंत ईश्वरदास महाराज भक्तों को सदैव गंगा की पवित्रता बनाए रखने की प्रेरणा देते थे। उन्होंने कहा कि युवा संतों को उनके दिखाए मार्ग पर चलते धर्म व अध्यात्म के प्रचार प्रसार में योगदान करना चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज व महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि संत समाज सनातन संस्कृति का संवाहक है। देश दुनिया में सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार संत महापुरूषों द्वारा किया जाना प्रशसंनीय है। महंत संतोष दास महाराज ने अपने गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत ईश्वरदास महाराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ज्ञान का अथाह सागर थे। गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान व उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाया जा रहा है। चेतनदेव कुटिया के परमाध्यक्ष महत मोहनदास दास महाराज ने कहा कि महंत ईश्वरदास महाराज के अचानक ब्रह्लीन होने से संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। सनातन धर्म के उत्थान व समाज कल्याण में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। इस अवसर पर महंत जसविन्दर सिंह, महंत दामोदर दास, महंत कमलदास, महंत अद्वैतानन्द, महंत मोहन सिंह, महंत दुर्गादास, महंत श्यामप्रकाश, म.म.संतोषानंद देव, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, स्वामी हरिहरानंद, म.म.स्वामी भगवतस्वरूप, म.म.स्वामी कपिलमुनि, महंत प्रेमदास, संत जगजीत सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत सुमित दास, महंत सूजरदास, महंत शिवानंद, महंत श्रवण मुनि, महंत सुतिक्ष्ण मुनि, महंत दर्शनदास, महंत जयेंद्र मुनि आदि संत महापुरूष मौजूद रहे। 


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।