शदाणी दरबार तीर्थ में मनाया गया चतुर्दर्शी वर्चुल मेला
हरिद्वार। हिंद व सिंध के प्राचीन तीर्थ शदाणी दरबार मे संत शदाराम साहिब जी का मासिक चतुर्दर्शी ऑनलाइन मेला बड़ी धूमधाम से मनाया गया। मेला में भारत की प्रसिद्ध कथाकार देवी चित्रलेखा ने अपने ज्ञान वाणी से पूरे विश्व से जुड़े शदाणी भक्तों को गुरु भक्ति से जोड़ा ओर गुरु और शिष्य के रिश्ते का महत्व बताया। देवी जी ने कहा कि कृपा गुरु और शिष्य का पवित्र नाम है और इस का प्रमाण है कि इस कठिन परस्तीत में भी गुरु आपनी कृपा से भक्तों को सत्संग के माध्यम से घर भेठे जोड़े रखता है और यह गुरु ही है जो में ओर मेरे की माया से मुक्त करा कर मानव सेवा के पवित्र लक्ष्य से जोड़े रखता है। उस के बाद इस वर्चुअल मेले में आए हुए अनेक भक्तों के मन मे उपजे प्रश्नों का उत्तर दिया। शदाणी दरबार के नवम पीठादीश्वर संत युधिष्ठिरलाल जी महाराज ने देवी चित्रलेखा का इस ऑनलाइन मेले में आने पर स्वागत किया। उन्होने शदाणी भक्तो को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु भक्ति मस्तष्क की रेखा, हाथ की रेखा और आप के जीवन की हर उस रेखा को को सँवार देती है जिस का आम जन उस के लिए सोच भी नही सकता। परंतु गुरु शिष्य के आत्मिक बौद्धिक विकास के लिए सदैव ततपर रहता है। यह ऑनलाइन मेला उसका प्रमाण है कि लोग घर भेठे सत्संग का लाभ ले रहे है। शदाणी दरबार के सेवादार अमर शदाणी ने बताया के आज के इस वर्चुअल सत्संग में पूरे विश्व से भाग लेने वाले भक्तो ने बहुत आनंद लिया। दास दीवाने ने गुरू के भजन सुना कर संगत का मन मोह लिया। शदाणी दरबार सेवा मंडल के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष उदयलाल शदाणी एडवोकेट ने पूरे विश्व के शदाणी सेवा मंडलो को सेवा का महत्व समझाया। शदाणी पंचायत के अध्यक्ष भजन दास तलरेजा ,अंतराष्ट्रीय प्रवक्ता नन्दलाल सहित्य व अनेक भक्त गणों ने भी देवी चित्रलेखा स्वागत किया। मंच का ऑनलाइन संचालन कर रहे डॉ किरण शदाणी, बूंटी गाबड़ा ने सब अतिथियों का स्वागत किया।
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