हरिद्वार। प्रांतीय उद्योग व्यापार मण्डल के जिला अध्यक्ष डा.नीरज सिंघल ने प्रैस बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को राज्यवासियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए चारधाम यात्रा एवं राज्य के बार्डर खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन आधारित रोजगार पर टिका हुआ है। व्यापारी बाहर से आने वाले यात्री श्रद्धालुओं से व्यापारियों की आय होती है। दो वर्षो से लगातार व्यापारी अपना व्यापार नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना के चलते बार्डर बंद हैं। चारधाम यात्रा भी प्रारंभ नहीं की जा रही है। राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए चारधाम यात्रा अतिशीघ्र प्रारंभ की जानी चाहिए। डा.नीरज सिंघल ने कहा कि व्यापारियो की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को मद्देनजर रखते हुए दुकानें खोलने की समय अवधि बढ़ायी जाए। दुकानें आठ बजे से आठ बजे तक खोली जाएं। जिससे व्यापारियों की हालत सामान्य हो सके। दो वर्षो से कांवड़ मेला, कुंभ मेला एवं यात्री सीजन नहीं हो पाया है। दुकानदार असहाय, मानसिक दुर्बल हो चुके हैं। व्यापारियों की दशा को देखते हुए राज्य सरकार को आर्थिक पैकेज की घोषणा भी करनी चाहिए। धर्मनगरी का व्यापार यात्रीयों पर टिका हुआ है। ट्रैवल व्यवसायी, होटल व्यवसायी मंदी की मार झेल रहे हैं। महंगाई भी लगातार बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल, सरसों का तेल आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है। व्यापारी अपने परिवारों का खर्चा तक नहीं उठा पा रहे हैं। बिजली के बिल, पानी के बिल, स्कूल फीस, बैंकों की किस्त, दुकानों का किराया देने में सक्षम नहीं हैं। इन सभी चीजों को माफ किया जाए। जिससे व्यापारियों को राहत मिल सके। कोरोना संक्रमण को देखते हुए व्यापारी स्वयं ही जागरूक हैं। सोशल डिस्टेंसिंग व नियमों के तहत दुकानें खोली जाएं। जिससे व्यापारी कुछ उबर सकें।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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