हरिद्वार। सिडकुल की कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के दो गुटो के बीच हुये विवाद के दौरान एक कर्मचारी के पेट में चाकू लग गया। उसे गंभीर हालत में एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। जबकि एक अन्य युवक बहादराबाद के एक अस्पताल में भर्ती है। कोतवाली रानीपुर पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर कर्मचारियों के खिलाफ प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले में रानीपुर पुलिस ने कुछ कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार बीती शनिवार रात जब कर्मचारियों का एक गुट चिन्मय डिग्री कॉलेज के पास दूसरे कर्मचारी गुट का इंतजार कर रहा था। दोनों आमने सामने आ गए और दोनो गुटो में विवाद हो गया। बताया जाता है कि कर्मचारी गोविंद निवासी अलीपुर बहादराबाद और विकास निवासी पीतपुर लक्सर विवाद में घायल हो गए। आरोप है कि मारपीट में किसी ने विकास के पेट में चाकू मार दिया। विकास को ऋषिकेश रेफर किया गया। जबकि गोविंद को बहादराबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि मारपीट की शुरुआत तीन दिन पहले कंपनी में हुई थी, जब योगेश उर्फ योगी निवासी बिजौली मंगलौर और गोविंद के बीच विवाद हो गया था। विवाद में दोनों कर्मचारियों के साथ कई अन्य कर्मचारी भी शामिल थे। आरोप है कि विकास के साथ मारपीट करने वालों में गोविंद के साथ रोहित, तजेंद्र, मनीष, जाती, टिंकू, रितिक, विकास, जुनेद और सतीश निवासीगण पीतपुरा लक्सर शामिल थे। पुलिस को दोनों गुटो की ओर से शिकायत मिली है, जिसके आधार पर पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा के अनुसार पुलिस जांच सीसीटीवी कैमरे में युवक विवाद के बाद जाते हुए दिख रहे है। फुटेज की मदद से आरोपियों को मुकदमे में नामजद किया जाएगा।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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