हरिद्वार। तीर्थनगरी में रविवार तड़के से हुई मूसलाधार बारिश से नगर के विभिन्न हिस्सों में भारी जलभराव हो गया। जलभराव के कारण कई क्षेत्रों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर के मध्य चंद्राचार्य चैक और भगत सिंह चैक पर जलभराव के कारण पानी में कई वाहन फंस गए। वही ज्वालापुर के बाजारों में भी जलभराव होने के कारण कई दुकानों में बारिश का पानी घुस गया। बारिश थमने के बाद जलभराव कम हुआ तो नालों से बाहर आई गंदगी सड़कों पर फैल गई। ऐसे में वाहन सवारों को परेशानी उठानी पड़ी। कई दिनों बाद रविवार को शुबह चार चार बजे से हुई मूसलाधार बारिश से शहर के कई हिस्सों में भारी जलभराव हो गया। कई स्थानों पर जलभराव के कारण वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। करीब चार घण्टे हुई बारिश ने नगर निगम के कार्यो पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया,नालों की सफाई नही होने से कई स्थानों पर नालों में जमा गंदगी सड़को पर फेल गया,जिससे लोगों को और अधिक परेशानियां हुई। इस वर्ष मानसून सीजन की दूसरी मूसलाधार बारिश से शहर के मध्य सबसे व्यस्ततम चैराहा चंद्राचार्य चैक और भगत सिंह चैक पर भारी जलभराव हो गया। जलभराव के चलते पुलिस ने दोनों तरफ से बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर दिया। जबकि गलियों से कुछ लोग वाहन लेकर पहुंचे तो पानी में फंस गए। भारी बारिश से ज्वालापुर के पुरानी अनाज मंडी, सर्राफा बाजार, कटहरा बाजार, पीठ बाजार के अलावा ढोल्लीखाल, देवतान और घोसियान, मैदानियान में जलभराव हो गया। बाजार में कई दुकानों में बारिश का पानी घुसने से परेशानी खड़ी हो गई। जबकि कनखल के कृष्णानगर में सड़क किनारे और लाटोवाली, विद्या विहार कॉलोनी आदि में भी बारिश का पानी भरने से समस्या बनी रही। भोपतवाला क्षेत्र में भी कई स्थानों पर जल भराव के कारण लोगों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। बारिश बंद होने के बाद जलभराव कम हुये,लेकिन नालियों में जमा गंदगी सड़कों पर फेल गया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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