हरिद्वार। शदाणी दरबार की पांचवी पीठाधीश्वर माता हंसी देवी के 195 जन्मोत्सव के अवसर पर हरेला पर्व मनाते हुए सप्त सरोवर स्थित प्राचीन शदाणी दरबार द्वारा दूधियाबंद ठोकर नं.14 पर पौधा रोपण किया गया। माता हांसी देवी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में शदाणी दरबार के सेवादार अमरलाला शदाणी के संयोजन में घाट पर आम, अमरूद, नीम, पीपल सहित अनेक फलदार व छायादार पौधे लगाए गए। इस दौरान मुख्य अथिति अपर नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह यादव व क्षेत्रीय पार्षद अनिल मिश्रा ने पौधा रोपण करते हुए कहा कि संत शदाणी घाट पर प्रतिवर्ष हरेला पर्व पर लगाए गए अनेक पौधे वृक्ष बन चुके हैं। जिससे घाट पर आने वाले स्थानीय लोग व बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुन्दर प्राकृतिक वातावरण प्राप्त हो रहा है। शदाणी दरबार के सेवादार अमरलाल शदाणी ने कहा कि वृक्ष धरा का श्रंग्रार हैं। विकास के नाम पर वृक्षों के अंधाधुंध कटान व प्रकृति से अनावश्यक छेड़छाड़ के नतीजे आज मानव को भुगतने पड़ रहे हैं। पेड़ पौधे नहीं रहने के कारण वातावरण में आॅक्सीजन की कमी हो रही है। हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आॅक्सीजन के कमी के चलते असमय ही लाखों लोगों की जान चली गयी। इससे सबक लेते हुए सभी को प्रकृति के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि शदाणी दरबार के वर्तमान पीठाधीश्वर संत युद्धिष्ठर लाल सभी श्रद्धालुओं को प्रकृति के संरक्षण के लिए सभी को पौधारोपण करने के लिए प्रेरित करते हैं। अमरलाल शदाणी ने कहा कि पौधारोण करने के साथ वृक्ष बनने तक लगाए गए पौधों के वृक्ष बनने तक उनका संरक्षण भी करना चाहिए। इस अवसर पर गीता कुटीर के शिवदास दुबे, राकेश मिश्रा, डा.हर्षवर्धन जैन, शिव कुमार, विजय कुमार ड्रोलिया आदि भी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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