हरिद्वार। पथरी क्षेत्र के दर्जनों गांव में जाति तोड़ो, समाज जोड़ो की नीतियों से लोगों को अवगत और जागरूक करने के लिए परिवर्तन साइकिल रैली निकाली गई। साइकिल रैली में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता शामिल रहे। सोमवार को भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गांव सराय से जाती तोड़ो, समाज जोड़ो नीति के साथ साइकिल रैली निकाली। रैली जमालपुर, एक्कड़ कलां, किशनपुर, बहादरपुर, मिस्सरपुर, अजीतपुर, जियापोता, कटारपुर, फेरूपुर, धनपुरा आदि गांव से होती हुई टिक्कमपुर पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महंगाई पर लगाम लगाने और कानून व्यवस्था ठीक करने की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आजाद समाज पार्टी व भीम आर्मी के कार्यकर्ता साइकिल यात्रा निकाल रहे हैं। इस दौरान लोग पार्टी से भी जुड़ रहे हैं। प्रत्येक बूथ पर संगठन को सशक्त बनाने के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इस दौरान आसपा जिलाध्यक्ष शेखर कुमार, जिला महासचिव विकास रवि, विनोद मेघवाल, सचिन कुमार, सनी कुमार, अंकुल आजाद, मनीषा कुमार, संदीप पालीवाल, प्रवेश कुमार, टिंकू कुमार आदि उपस्थित रहे। शहर में हाल ही में किए गए सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता और सड़कों के ढ़लान गलत बनाने पर स्थानीय लोगों के साथ कांग्रेसियों ने लोक निर्माण विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए। इसके बाद अधिकारी पहुंचे तो उनका घेराव किया। वार्ता के दौरान लोनिवि के अधिकारियों ने दो दिन के अंदर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। समस्या दूर न होने पर कांग्रेसियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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