हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी वामदेव महाराज की मूर्ति स्थापना के लिए बनाए गए स्ट्रक्टचर को ंिसंचाई विभाग द्वारा तोड़े जाने के प्रयासों पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सहित समस्त संत समाज ने कड़ा रोष व्यक्त किया है। संतो का कहना है कि कुंभ मेले के दौरान मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह व प्रशासन के अधिकारियों के साथ संतों की वार्ता में पावन धाम चैक पर ब्रह्मलीन स्वामी वामदेव महाराज की मूर्ति स्थापित करने पर सहमति बनी थी। लेकिन बाद में वहां फोरलेन बनाए जाने के बाद भीमगौड़ा चैक पर मूर्ति स्थापना करना तय हुआ था। लेकिन अब मूर्ति स्थापना के लिए बनाए गए स्ट्रक्चर को सिंचाई विभाग व जिला प्रशासन तोड़ने पर तुला हुआ है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने सिंचाई विभाग के प्रयासों की निंदा करते हुए अपने संदेश में कहा कि अखिल भारतीय संत समिति के संस्थापक व राममंदिर निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन वामदेव महाराज एक तपस्वी संत थे। राम मंदिर निर्माण व सनातन धर्म के उत्थान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ब्रह्मलीन स्वामी वामदेव महाराज की मूर्ति स्थापना में सरकार व प्रशासन को सहयोग करना चाहिए। मूर्ति स्थापना के लिए बनाए गए स्ट्रक्चर को तोड़ा जाना कतई सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मूर्ति स्थापना को लेकर जल्द ही संतों का एक प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलेगा। जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी वामदेव महाराज की मूर्ति स्थापित होने से युवा संतों को मार्गदर्शन मिलेगा। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज व कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि विरक्त संत शिरोमणी स्वामी वामदेव महाराज का पूरा जीवन राममंदिर निर्माण आंदोलन के लिए समर्पित रहा। महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द व महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी वामदेव महाराज का जीवन राष्ट्र कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उनके जीवन दर्शन से संत समाज को प्रेरणा मिलती है। ऐसे महान संत को सम्मान देते हुए सरकार को उनकी भव्य व दिव्य मूर्ति स्थापित करने में संत समाज का सहयोग करना चाहिए। श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत धर्मदास, म.म.स्वामी कपिल मुनि महाराज, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, श्रीमहंत रामरतन गिरी, कोठारी महंत दामोदर दास, बाबा हठयोगी, स्वामी रघुवन, महंत विष्णुदास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत गोविन्द दास, महंत ईश्वर दास, महंत निर्मल दास, महंत रामशरण दास, महंत अरूण दास, महंत राजेंद्रानंद आदि सहित तमाम संतों ने सिंचाई विभाग की निंदा करते हुए मूर्ति स्थल तोड़े जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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