हरिद्वार। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि शास्त्रों में श्रावण का महीना भगवान शिव का प्रिय माह हैं। उन्होंने बताया कि इस बार श्रावण मे 4 सोमवार पड रहे है। पुराणों के अनुसार श्रावण में भोले शंकर की पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है। खासकर सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं। वहीं इनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इन्हीं के आशीर्वाद से निर्धन को धन और निःसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है। सामान्यतः सावन में चार सोमवार होते हैं, लेकिन कभी कभी पांच सोमवार भी आते हैं। सभी सोमवार की पूजा के लिए मंत्र अलग-अलग हैं। मान्यता है कि नियमपूर्वक पूजा करने से भगवान शंकर की कृपा हमेशा भक्तों पर बनी रहती है। ऐसे में इस बार भी श्रावण में चार सोमवार ही पड़ रहे हैं। श्रावण के पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तों को ‘ऊं लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नमः का मंत्र 11 माला जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव का गंजा जल, दूध, शहद, घी, शर्करा व पंचामृत से बाबा भोले का अभिषेक कर वस्त्र, यज्ञो पवित्र, श्वेत और रक्त चंदन भस्म, श्वेत मदार, कनेर, बेला, गुलाब पुष्प, बिल्वपत्र, धतुरा, बेल फल, भांग आदि चढ़ायें। उसके बाद घी का दीप उत्तर दिशा में जलाएं। पूजा करने के बाद आरती कर क्षमार्चन करें।
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