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‘देवभूमि उत्तराखण्ड की पवित्रता एवं संस्कृति का संरक्षण के लिए जनसंख्या कानून जरूरी

 हरिद्वार। भूमा निकेतन पीठाधीश्वर शंकरं शंकराचार्य, अनन्तश्री विभूषित, स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज ने देवभूमि उत्तराखण्ड की पवित्रता एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड देव भूमि है । इसकी भौगोलिक परिस्थिति भी विशिष्ठ है। इसकी कुछ सीमा दुश्मन देश चीन से लगा है। इसके एक तरफ उत्तर प्रदेश है और दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश है। गढ़वाल व कुमायुँ के महाराजा द्वारा भी इस भूमि को देवभूमि बताया गया। इस पवित्र भूमि पर ऋषि-मुनि, सिद्ध-महापुरुष व योगी लोग तपस्या करते रहे है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर धाम एवं पाताल भुवनेश्वरी के प्रसिद्ध मन्दिर भी इसी देवभूमि में अवस्थित है। गढ़वाल रेजीमेन्ट, कुमायुं रेजीमेन्ट के यौद्धा, जो मातृ भूमि के लिए शहीद हुए है,वें भी यहाँ रहे है। यद्यपि हमारा संविधान धर्म निरपेक्ष है तथापि यहाँ के निवासी धर्म निरपेक्ष न होकर धर्म पथगामी है। इस भूमि की पवित्रता एवं संस्कृति की रक्षा की दृष्टि से उत्तराखण्ड प्रदेश में भी जनसख्ंया कानून एवं लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाना, इस प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यक है। देवभूमि होने के कारण विश्वप्रसिद्ध सिद्ध मन्दिरों एवं पवित्र नदियों का यह उद्यगम स्थल है। इन सबकी सांस्कृतिक रक्षा के लिए जनसंख्या कानून और लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाने की कार्यवाही अति आवश्यक है। उन्होने कहा कि यह परम आवश्यक है कि पवित्र नगरी हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनौत्री आदि स्थानों की 25 किलोमीटर तक की परिधि के क्षेत्र में यहाँ की मर्यादाओं को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी मुसलमान, ईसाई व ऐसे अन्य धर्मावलम्बियों का स्थाई रुप से बसने का अधिकार भी कानून बनाकर प्रतिबन्धित किया जाना प्रदेश के हित में अति आवश्यक है अन्यथा लवजिहाद और अनियंत्रित जनसख्ंया इन तीर्थों की भूमि पर आवासित धार्मिक जनता, जो इन मन्दिरों व पवित्र नदियों को अपना सर्वस्व समर्पित करते है, के लिए भविष्य में कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती है। इस दृष्टि से यहाँ के धर्मावलम्बी निवासियों को ही इस भूमि पर बसने का अधिकार होना चाहिए। ऐसी अवस्था में केन्द्र व प्रदेश सरकार का यह कर्त्तव्य बनता है कि यहाँ की पवित्र भूमि, धर्म परायण जनता, वनों की रक्षा, नदियों के अस्तित्व, प्रकृति के सौन्दर्य और पर्यावरण के मूल आधार की रक्षा को अक्षुण रक्खा जाये और इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून व लव जिहाद पर रोक लगाने सम्बन्धी कानून बनाना अति आवश्यक है ।


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