हरिद्वार। आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों ने मानदेय वृद्धि एवं स्नात्तकोत्तर प्रवेश परीक्षा में राज्य कोटे से 85 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने और आयुर्वेद चिकित्सकों की शीघ्र अतिशीघ्र भर्ती के संबंध में धरना प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई। सोमवार को गुरुकुल आयुर्वेदिक कालेज में इन्टर्न चिकित्सको ने परिसर निदेशक को मांगों से संबंधित एक मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र की प्रति मेल से मुख्यमंत्री को भी भेजी। दो दिन पहले ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज में भी आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था। इन्टर्न चिकित्सकों का कहना है कि जब राज्य सरकार ने पहले से ही एलोपैथिक एवं आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों का एक समान मानदेय रखा हुआ था। सरकार ने एलोपेथिक वालों का मानदेय बढ़ाकर आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों के साथ भेदभाव बरतने का काम किया है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा। आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सक भी पूर्ण ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। एलोपैथ के आधार पर ही आयुर्वेद चिकित्सकों का मानदेय भी बढ़ाकर सरकार मांग को पूरा करे। इन्टर्न चिकित्सकों का कहना है कि सरकार को उत्तराखंड में स्नात्तकोत्तर प्रवेश परीक्षा में 85 प्रतिशत कोटा स्थानीय परीक्षार्थियों के लिए आरक्षित रखना होगा। जिससे उत्तराखंड राज्य के परीक्षार्थियों को प्रवेश से वंचित ना होना पड़े। इन्टर्न चिकित्सकों का कहना है कि एक ओर सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने का दावा कर रही है दूसरी ओर अभी तक आयुष चिकित्सकों की भर्ती शुरु नहीं की जा रही है। धरना प्रदर्शन करने वालों में डॉ कार्तिक पैन्यूली, डॉ अनिल राज, डॉ ज्योति गौतम, डॉ हैदर खान, डॉ गंगेश पुरोहित, डॉ प्रवीण कुमार आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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