हरिद्वार। कुम्भ मेला 2021 के दौरान हुये कोरोना टेस्टिग फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किए गए भिवानी के लैब संचालक को कोर्ट से रिमांड पर लेेने के बाद एसआइटी अपने साथ हरियाणा ले गई है। एसआईटी आरोपी की निशानदेही पर लैपटाप व दस्तावेज बरामद कराने के साथ ही फर्जीवाड़े के लिए आधार और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने वाले कॉल सेंटर पर भी दबिश दी जा सकती है। ज्ञात रहे कि कोरोना टेस्टिग फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी। एसआईटी ने भिवानी की डेलफिया लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट से तीन दिन का रिमांड भी लिया गया था। शुक्रवार को एसआइटी उसे लेकर हिसार हरियाणा पहुंची। यहां एसआइटी ने नलवा लैब पहुंचकर बिल और अन्य जानकारी जुटाई। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि हिसार की नलवा लैब से अनुबंध के आधार पर मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के साझेदारों शरत पंत और मल्लिका पंत ने कुंभ में टेस्टिग का ठेका लिया और फर्जीवाड़े के बाद भुगतान के लिए नलवा ने चार करोड़ रुपये के बिल मैक्स कारपोरेट को दिए थे। चूंकि मैक्स और नलवा की डील आशीष वशिष्ठ ने कराई थी, इसलिए उसे साथ लेकर एसआइटी ने नलवा लैब पर छापा मारा। सूत्रों की मानें तो हरियाणा से पुलिस लैपटाप और अन्य कागजात बरामद कर सकती है। हिसार के बाद आरोपित को भिवानी हरियाणा उसकी लैब भी ले जाया जाएगा। आरोपित को दिल्ली और राजस्थान भी ले जाने की चर्चाएं हैं। पता चला है कि राजस्थान के एक कॉल सेंटर से आरोपित ने डाटा पोर्टल पर अपलोड कराया था। फर्जीवाड़े के लिए उसे इतनी बड़ी संख्या में अलग-अलग राज्यों के व्यक्तियों के आधार नंबर व मोबाइल नंबर कैसे मिले, इस बारे में भी एसआइटी आशीष वशिष्ठ को साथ लेकर खोजबीन कर रही है। विवेचनाधिकारी राजेश साह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रिमांड पर लिए गए आरोपित को हरियाणा ले जाया गया है। बताते चले कि एसआइटी की पड़ताल में सामने आया है कि आशीष वशिष्ठ फर्जीवाड़े के लिए हरियाणा से कर्मचारी लाया था। जबकि जगजीतपुर कनखल के अंबुजा कौशल विकास केंद्र से भी कुछ युवाओं को टेस्टिग के काम में लगाया गया था। जांच में यह भी पता चला है कि यह कर्मचारी अप्रशिक्षित और अनुभवहीन थे। इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विवेचनाधिकारी राजेश शाह के अनुसार इस बारे में इस बारे में पूछताछ कर कार्रवाई की जाएगी।
हरिद्वार। कुम्भ मेला 2021 के दौरान हुये कोरोना टेस्टिग फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किए गए भिवानी के लैब संचालक को कोर्ट से रिमांड पर लेेने के बाद एसआइटी अपने साथ हरियाणा ले गई है। एसआईटी आरोपी की निशानदेही पर लैपटाप व दस्तावेज बरामद कराने के साथ ही फर्जीवाड़े के लिए आधार और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने वाले कॉल सेंटर पर भी दबिश दी जा सकती है। ज्ञात रहे कि कोरोना टेस्टिग फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी। एसआईटी ने भिवानी की डेलफिया लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट से तीन दिन का रिमांड भी लिया गया था। शुक्रवार को एसआइटी उसे लेकर हिसार हरियाणा पहुंची। यहां एसआइटी ने नलवा लैब पहुंचकर बिल और अन्य जानकारी जुटाई। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि हिसार की नलवा लैब से अनुबंध के आधार पर मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के साझेदारों शरत पंत और मल्लिका पंत ने कुंभ में टेस्टिग का ठेका लिया और फर्जीवाड़े के बाद भुगतान के लिए नलवा ने चार करोड़ रुपये के बिल मैक्स कारपोरेट को दिए थे। चूंकि मैक्स और नलवा की डील आशीष वशिष्ठ ने कराई थी, इसलिए उसे साथ लेकर एसआइटी ने नलवा लैब पर छापा मारा। सूत्रों की मानें तो हरियाणा से पुलिस लैपटाप और अन्य कागजात बरामद कर सकती है। हिसार के बाद आरोपित को भिवानी हरियाणा उसकी लैब भी ले जाया जाएगा। आरोपित को दिल्ली और राजस्थान भी ले जाने की चर्चाएं हैं। पता चला है कि राजस्थान के एक कॉल सेंटर से आरोपित ने डाटा पोर्टल पर अपलोड कराया था। फर्जीवाड़े के लिए उसे इतनी बड़ी संख्या में अलग-अलग राज्यों के व्यक्तियों के आधार नंबर व मोबाइल नंबर कैसे मिले, इस बारे में भी एसआइटी आशीष वशिष्ठ को साथ लेकर खोजबीन कर रही है। विवेचनाधिकारी राजेश साह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रिमांड पर लिए गए आरोपित को हरियाणा ले जाया गया है। बताते चले कि एसआइटी की पड़ताल में सामने आया है कि आशीष वशिष्ठ फर्जीवाड़े के लिए हरियाणा से कर्मचारी लाया था। जबकि जगजीतपुर कनखल के अंबुजा कौशल विकास केंद्र से भी कुछ युवाओं को टेस्टिग के काम में लगाया गया था। जांच में यह भी पता चला है कि यह कर्मचारी अप्रशिक्षित और अनुभवहीन थे। इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विवेचनाधिकारी राजेश शाह के अनुसार इस बारे में इस बारे में पूछताछ कर कार्रवाई की जाएगी।
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