हरिद्वार। पिछले कई बर्षो से गंगा की अविरलता एवं पर्यावरण संरक्षण की लड़ाई लड़ने वाली संस्था मातृसदन ने एक बार फिर मांगो को लेकर अनशन शुरू करने की घोषणा की है। मातृसदन प्रमुख स्वामी शिवानंद ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि गंगा को लेकर बलिदान देने वाले संत निगमानंद और सानंद की मौत की सीबीआई और भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की एसआईटी जांच की मांग को लेकर मातृसदन 10 अगस्त से आंदोलन करेगा। मातृसदन के संत ब्रह्मचारी कई मांगों को लेकर अनशन पर बैठेंगे। मंगलवार को जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में वार्ता के दौरान स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि भगवानदास आदर्श संस्कृति महाविद्याल मामले में प्रभारी प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी बिल्कुल गलत तरीके से हुई है। उन्होंने कहा कि जांचाधिकारी ने राज्य सरकार के नियम को देखा है, जबकि केंद्र सरकार के नियमों के तहत प्रबंध समिति पूरी तरह ठीक है। और नियमों के तहत बनाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना सुबूत के ही संस्कृत शिक्षाविद को गिरफ्तार किया है। जबकि इस मामले में चार जांच अधिकारी पहले ही बदले जा चुके थे। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कोर्ट से आदेश आने से पहले ही संत को पता कैसे चला कि प्रभारी प्रधानाचार्य की जमानत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि संत ने सोशल मीडिया पर लाइव कर पहले ही सबको बता दिया था कि जमानत खारिज हो गई। उन्होंने इस मामले की भी जांच की मांग की है। शिवानंद सरस्वती ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि संस्कृत की रक्षा के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। उधर मातृसदन के अध्यक्ष स्वामी शिवांनद सरस्वती की ओर से महामंडलेश्वर रूपेद्र प्रकाश 100 करोड़ और प्रो. सत्यदेव पर 20 करोड़ मानहानि का दावा किया है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
Comments
Post a Comment