हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड के पूर्व घोषित आंदोलन कार्यक्रम के तहत 15 वें दिवस कर्मचारियों ने बिना अन्न ग्रहण किए ड्यूटी करते हुए अपना विरोध प्रकट किया। कर्मचारियों में महानिदेशालय और आयूर्वेद विश्वविद्यालय के प्रति आक्रोश बना हुआ है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि 16 अगस्त से आंदोलन को गति देते हुए गेट मीटिंग कर जनजागरण किया जाएगा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रमुख अधीक्षक, परिसर निदेशक के माध्यम से ज्ञापन भेजा जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि आंदोलन करते हुए संघ को एक माह हो गया है। लेकिन अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा है। संघ नेताओं को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से समय नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश प्रवक्ता शिवनारायण सिंह व जिलामंत्री हरिद्वार राकेश भंवर ने कहा कि आयूर्वेद विश्वविद्यालय में राजकीय कर्मचारियों स्वायत्तसाशी संस्था में डालकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। कर्मचारियों की पदोन्नति को वर्षों बीत गए अनुरोध करने के बाद भी कुछ नहीं हो रहा है। गुरुकुल और ऋषिकुल के कर्मचारियों की तीन वर्ष अधिक होने के बाद भी एसीपी नहीं लगाई गई है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के तो और भी बुरे हाल हैं उनकी पेंशन, बीमा, जीपीएफ का भुगतान 2-2 साल से रुका हुआ है। विरोध जताने वालों में जयनारायण सिंह, दिनेश लखेड़ा, नेलसन अरोड़ा, गुरुप्रसाद गोदियाल, नवीन, विपिन नेगी, सुरेंद्र कश्यप, दिनेश गुसाईं, राकेश कुमार, दिनेश ठाकुर, मोहित मनोचा, छत्रपाल सिंह,नितिन, दीपक, राजपाल सिंह, भूपाल सिंह, ललित शाह, सुमंत पाल, पूनम, मुन्नी देवी, ममता चंद, अजय रानी, रजनी, संदीप शर्मा, मुकेश, सुरेश चंद्र, मूलचंद चैधरी, शीशपाल, महेश कुमार आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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