हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज परसिर में बने वैक्शीनेशन केंद्र में लोगों की भीड़ उमड़ने पर केंद्र के दरवाजें को बंद करना पड़ा। बड़ी मुश्किल से वैक्सीन लगवाने आए लोगों को समझा बुझाकर वापस भेजा गया। गुरुवार को 1000 वैक्सीनेशन के लक्ष्य के विपरीत भीड़ उमड़ने पर 1634 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। गुरुवार सुबह ही वैक्सीनेशन केंद्र में लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। केंद्र में एक हजार लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना था। लेकिन दो हजार से अधिक लोगों की भीड़ केंद्र पर पहुंच गई। केंद्र प्रभारी डॉ नरेश चैधरी ने वैक्सीनेशन कराने आए लोगों को बहुत समझाया। जब लोग नहीं माने तो केंद्र का गेट बंद करके डॉ चैधरी ने समझाया कि वैक्सीनेशन सभी का किया जाना है। धीरे धीरे सभी को उपलब्धता पर ही वैक्सीन लगाई जा रही है। गुरूवार को भी 18 से 44 आयु वर्ग के 1634 लाभार्थियों को वैक्सीन डोज लगाई गई है। डॉ चैधरी ने बताया कि वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, चलने फिरने में असमर्थ लाभार्थी, बच्चों के साथ आई हुई महिला लाभार्थियों को विशेष रूप से अलग कक्षों में पंजीकरण एवं सत्यापन के उपरान्त वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एचडी शाक्य, डा. नलिंद असवाल एवं डा. सुबोध जोशी ने वैक्सीनेशन सेंटर का भ्रमण किया और मौजूद व्यवस्थाओं की सराहना की। केंद्र में वैक्सीनेशन का काम कर रहे स्वयं सेवकों में विकास देसवाल, डा. अवधेश डंगवाल, डा. रोहित रावत, डा. आराधना, डा. उर्मिला पाण्डेय, पूनम, राहुल खाली, प्रशांत चन्द्रा, गणेश आर्या, तनवी गुसाईं, शशि कुमार, दीक्षा चैहान, दीप चन्द्र भट्ट, आराधना सिंह, पृथा बसु, नीलांजना सिंह, अभिषेक गुप्ता, अनिरूद्ध नामदेव, मेघा कोरी, प्रतीक्षा रावत, श्वेता, दीपक मंडल, अतिन बहुगुणा, भुवन जोशी, दिपांशा, सतेन्द्र सिंह नेगी, संतोष कुमार, मनीष रावत, राजेश रतूड़ी, अंकित कुमार शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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