हरिद्वार। बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अपर जिला जज,एफटीएससी न्यायाधीश पारुल गैरोला ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दोषी को 20 साल की कठोर कैद और 80 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता आदेश चन्द चैहान ने बताया कि 14 मार्च 2019 को सिडकुल क्षेत्र में घर के आंगन में खेल रही छह वर्षीय बच्ची को दुकान में ले जाकर दुष्कर्म करने की घटना सामने आई थी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि वह अपनी पत्नी के साथ सुबह मजदूरी पर गया था। घर पर बूढ़ी माता, आठ वर्षीय बड़ी बेटी और छह वर्षीय पीड़िता घर के आंगन में खेल रही थी। उसी दौरान दुकान करने वाला आरोपी जावेद छोटी बेटी को अपने साथ ले गया था। आवाज देने पर भी पीड़िता वापिस नहीं आई थी। इसके बाद शिकायतकर्ता की बूढ़ी माता और बड़ी बेटी आरोपी युवक की दुकान पर पीड़िता को तलाश करने के लिए गए। जहां आरोपी युवक नग्नावस्था में बुरी नीयत से छेड़छाड़ कर रहा था। शोर मचाने पर राहगीर इकट्ठा हो गए थे।राहगीरों ने आरोपी जावेद पुत्र बाबू खान निवासी सिडकुल क्षेत्र को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। बच्ची ने रोते हुए परिजनों व पुलिस को आपबीती बताई थी। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचक ने विवेचना के बाद आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी देने व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था। एफटीएससी कोर्ट ने आरोपी युवक पर आरोप तय किए। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में नौ गवाह पेश किए। एफटीएससी कोर्ट ने अर्थदंड की राशि में से 70 हजार रुपये मासूम बच्ची को मुआवजा राशि के रूप में देने के आदेश भी दिए हैं। साथ ही, आदेश की एक कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजकर उचित मुआवजा राशि दिलाने के निर्देश दिए गए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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