हरिद्वार। तीर्थनगरी में श्रावण मास के अंतिम सोमवार पर शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिवलिंग का जलाभिषेक कर सुख-समृद्वि की कामना की। स्थानीय श्रद्वालुओं ने नगर के विभिन्न अलग-अलग शिवालियों में जलाभिषेक किया। अन्तिम सोमवार को विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारे लगी दिखी। जबकि अन्तिम सोमवार को पवित्र हरकी पैड़ी पर भी स्नानार्थियों की सुबह अच्छी खासी भीड़ दिखाई दी। सोमवार को दिनभर शिवालयों में बम बम भोले,हर हर महादेव के जयकारे गुंजायमान रहे। अंतिम सोमवार को प्रसिद्व दक्षेश्वर महादेव मन्दिर,दरिद्रभंजन महादेव मन्दिर,बिल्वकेश्वर महादेव,नीलेश्वर महादेव मंदिर सहित विभिन्न शिवालयों को विभिन्न प्रकार के फल-फूलों से सजाया गया। हलांकि कोरोना का असर मन्दिरों में दिखाई दिया। 23 जुलाई से शुरू हुआ श्रावण का पवित्र महीना 22 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त हो रहा है। आखिरी सोमवार को सुबह से ही धर्मनगरी के सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। पिछले सालों की अपेक्षा भीड़ भले ही कम रही हो, लेकिन स्थानीय लोग मंदिरों में सुबह से ही जल चढ़ाने पहुंचे थे। श्रावण मास के अंतिम सोमवार पर विभिन्न मन्दिरों में भगवान शंकर का महारूद्राभिषेक किया। कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर और बिल्वकेश्वर मंदिर में तड़के से ही श्रद्वालुओं के द्वारा जल चढ़ना प्रारंभ हो गया था। जो दोपहरबाद तक भी जारी रहा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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