हरिद्वार। बीती रात जंगल से निकलकर एक विशालकाय हाथी ब्रह्मपुरी के आबादी वाले क्षेत्र में घुस आया। आवासीय क्षेत्र में हाथी को चहलकदमी करते देख लोगों के होश फाख्ता हो गए। हाथी को भगाने के लिए लोगों के शोर मचाने पर हाथी जंगल की और वापस चला गया। गनीमत रही कि हाथी ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। लेकिन करीब दो घंटे तक मौहल्ले में हाथी की मौजूदगी से डरे सहमे लोग घरों मे दुबके रहे। गौरतलब है कि हरिद्वार का अधिकतर क्षेत्र वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से सटा हुआ है। जंगलों से निकलकर वन्यजीव अकसर आबादी क्षेत्रों में घुस आते है। बीती रात भी राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे ब्रह्मपुरी क्षेत्र में एक जंगली हाथी घुस आया। हाथी इतना विशालकाय था कि जिस किसी ने भी उसको देखा उसके होश उड़ गए। करीब दो घंटे तक हाथी रिहायशी इलाके में चहलकदमी करता रहा, पेड़ पत्ते और घास इत्यादि खाता रहा है। हालांकि हाथी ने किसी स्थानीय निवासी को कोई नुकसान नही पहुँचाया। लेकिन जब तक हाथी घरों के आसपास मौजूद रहा तब तक लोग दहशत में रहे और हाथी की गतिविधियों पर नजर बनाए रहे। इस दौरान लोगो ने हाथी की वीडियो भी बनाई। हालांकि अंधेरा होने के कारण हाथी कैमरे में तो ठीक से कैद नही हुआ। लेकिन हाथी की लंबाई चैड़ाई को देखकर लोगो के होश फाख्ता हो गए। इस बीच हाथी के घरों के बिल्कुल समीप आने पर लोगो ने खूब शोर मचाया। हाथी को भगाने के लिए लोगों ने ताली, थाली, बरतन आदि बजाए। लोगों के शोर मचाने पर हाथी की वापस जंगल में चला गया। लेकिन हाथी की मौजूदगी के चलते करीब दो घंटे लोग सहमे रहे। स्थानीय लोगो ने बताया कि जंगली जानवर गुलदार और हाथी आदि क्षेत्र में आते रहते है। इसलिए लोग खुद ही सतर्कता बरतते हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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