हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में बुधवार को ऑनलाइन संस्कृत सप्ताह शास्त्रार्थ प्रतियोगिता आयोजित की गयी। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। लगभग दो घंटे चली प्रतियोगिता में व्याकरण, दर्शन के सिद्धान्तों, न्यायदर्शन आदि विषयों पर शास्त्रार्थ कर विद्वानों को भी छात्रों ने आश्चर्यचकित कर दिया।संयोजक डॉ. दामोदर परगाईं ने बताया कि काशी के विद्वानों की परंपरा के अनुसार यह प्रतियोगिता आयोजित की गई है। छात्रों को अपनी बात रखने के लिए समय का पूरा ख्याल रखा गया। जिसमें प्रदेश भर के जिज्ञासु छात्रों ने उत्साह से भाग लिया।निर्णायक मंडल में शामिल संकायाध्यक्ष डॉ.शैलेश तिवारी और डॉ. हरीश तिवाड़ी ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान संस्कृत सप्ताह के मुख्य संयोजक डॉ.अरुण मिश्र, डॉ. प्रतिभा शुक्ल, धीरज शुक्ल, डॉ.राम खंडेलवाल, डॉ.रत्न लाल, मनमीत कौर, डॉ.बिन्दुमती द्विवेदी, चंद्रप्रकाश पांडेय, मीनाक्षी, डॉ. कंचन तिवारी, डॉ. सुमन भट्ट, मनोज गहतोड़ी उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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