हरिद्वार। वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने बढ़ाए गए जल मूल्य को वापस लेने की मांग की है। बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष चैधरी चरण सिंह ने कहा कि सरकार ने जल मूल्य कम करने के लिए तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। लेकिन अप्रैल 2021 से जल मूल्य में 5 फीसदी की वृद्धि कर दी गई। जिससे न्यूनतम जल मूल्य लगभग 2175 रुपए वार्षिक हो गया है। प्रेशर कम होने की वजह से पानी का प्रेशर बढ़ाने के लिए बिजली का अतिरिक्त आर्थिक भार जुड़ने से पानी और महंगा हो गया है। जिससे आम जनता परेशान और आक्रोशित है। विद्यासागर गुप्ता ने कहा कि हाउस टैक्स जो पहले से ही काफी अधिक है। अब नगर निगम सर्किल रेट के आधार पर हाऊस टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है। जिससे कर की दर अधिक हो जाएगी। हरदयाल अरोड़ा ने कहा कि बिजली बिल में फिक्स चार्ज 200 रूपए प्रति माह है तथा साथ में फ्यूल चार्ज लगा दिया गया है। उपभोक्ताओं पर यह अवैध चार्ज लगाना अन्याय है। बैठक में सदस्यों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार जनता के साथ बार-बार अवैध रूप से शुल्क में बढ़ोतरी कर अन्याय कर रही है। आम लोगों को सरकार के जनविरोधी फैसलों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी चाहिए। यदि जनता मूकदर्शक बनी रही तो बार-बार शुल्क बढ़ोतरी के फैसलों का खामियाजा सबको भुगतना पड़ेगा। सरकार बढ़ाए गए शुल्क को निरस्त नहीं करती है, तो मजबूरन संगठन क्षेत्र की जनता के साथ धरना प्रदर्शन व आंदोलन करने को बाध्य होगा। बैठक में विद्यासागर गुप्ता, एमसी त्यागी, एसएस भास्कर, चैधरी चरण सिंह, योगेंद्रपाल सिह, हरदयाल अरोरा, एनसी काला, प्रेमकुमार, हरिश्चन्द्र चावला, वीके भाटिया, देवी दयाल, अनिल चैहान, लक्ष्मी नारायण सक्सेना, ताराचंद, रोहिताश शर्मा, शिवकुमार शर्मा, गुलाब राय, बाबूलाल, श्याम सिंह, हरिनाथ धीमान, गिरधारी लाल शर्मा आदि वरिष्ठ नागरिक मौजूद रहे।
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