हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में बोलते हुए चैधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी के कुलपति प्रो. आर के मित्तल ने कहा है कि यदि हम बेरोजगारी समाप्त कर देश को आर्थिक दृष्टि से समृद्ध करना चाहते हैं तो यह नितान्त आवश्यक है, हमें समाज में व्याप्त सामाजिक विषमताओं को दूर करना होगा। समाज में व्याप्त समस्याओं को शिक्षा के द्वारा बदला जा सकता है। नई शिक्षा नीति में स्पेशल इकोनोमिक जोन की व्यवस्था की गई है। शुक्रवार को आयोजित बेबीनाॅर में बोलते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तन लाने में सक्षम है। किसी भी देश को उसकी शिक्षा द्वारा बेहतर बनाया जा सकता है। यदि समतामूलक शिक्षा लागू नहीं की जाती तो शिक्षा का मूल उदेश्य पूर्ण नहीं होता है। समाज में आर्थिक, भौगोलिक, सामाजिक, शैक्षिक आदि स्तरों पर विषमताएं देखने को मिलती हैं। जिसके चलते समाज अपने आधारभूत लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रहा। जैसे-जैसे उच्चतर शिक्षा में बच्चे जाते हैं। आर्थिक एवं सामाजिक दृश्टि से पिछड़े वर्ग के बच्चों का प्रतिशत कम होता जाता है। नई शिक्षा नीति में स्पेशल इकोनोमिक जोन की व्यवस्था की गई है। प्रो. मित्तल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सबसे सराहनीय पक्ष यह है कि यह लाइफलॉग लर्निंग के उद्देश्य को मजबूती प्रदान करती है। जिससे किसी भी आयुवर्ग के जिज्ञासु के लिए शिक्षा ग्रहण करना सरल हो जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी को विद्यालय की कक्षा की चाहरदीवारी से बाहर की दुनिया से न केवल परिचित कराएगी अपितु उस ज्ञान प्राप्ति हेतु विद्यार्थी को क्रेडिट के रूप में अंक प्रदान करेगी कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सामाजिक विसमताओं एवं भेदभाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस प्रकार के प्रावधान हैं कि समस्त विषय एक समान तल पर आ जाएंगे तथा इस बडे परिवर्तन से शिक्षा जगत में समस्त विषयों को समान महत्व दिया जाएगा। कार्यक्रम की शुरूवात में आयोजक प्रो. दिनेश चंद्र चमोला ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में डॉ. शैलेष तिवारी, डॉ. विनय कुमार सेठी, डॉ. श्वेता अवस्थी, डॉ. धीरज शुक्ल, मीनाक्षी, डॉ. कंचन तिवारी, सुशील चमोली, अनिता रानी, विवेक जोसी, अनूप बहुखण्डी आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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