हरिद्वार। श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज ने कहा है कि देश के समग्र विकास के लिए जनसंख्या नियंत्रण लागू होना चाहिए। बढ़ती जनसंख्या के करण लगातार देश को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द पूरे देश में कड़ा जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करे। प्रेस को जारी बयान में श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या देश के विकास में लगातार बाधक बन रही है। धनी आबादी के कारण बेरोजगारी, गरीबी, प्रदूषण, जंगलों का असीमित कटान लगातार बढ़ रहा है। जिसके संपूर्ण मानव जाति को भयंकर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। मानव जाति को इससे सबक लेते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज ने कहा कि बढ़ती आबादी के कारण ही दुनिया भर में तेल, प्राकृतिक गैस, ऊर्जा संसाधनों पर दबाव अत्यधिक बढ़ गया है जो भविष्य के लिए बड़े खतरे का संकेत है। जिस अनुपात में भारत में आबादी बढ़ रही है। उस अनुपात में उसके लिए भोजन, पानी, स्वास्थ्य, चिकित्सा इत्यादि सुविधाओं की व्यवस्था करना किसी भी सरकार के लिए आसान नहीं है और अगर आबादी इसी प्रकार बढ़ती रही तो भूखमरी की समस्या एक बहुत बड़ी वैश्विक समस्या बन जाएगी। जिससे निपटना आसान नहीं होगा। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या जहां समूचे विश्व के लिए गहन चिंता का विषय है। वहीं बढ़ती आबादी का सर्वाधिक चिंतनीय पहलू यह भी है कि जनसंख्या का सीधा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ रहा है। इसलिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पाने के लिए कठोर और कारगर कदम जल्दी से जल्दी उठाने होंगे। ताकि देश की भावी पीढ़ियां जनसंख्या विस्फोट के विनाशकारी दुष्परिणामों को भुगतने से बच सकें।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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