हरिद्वार। भाजपा अनुसूचित मोर्चा के बहादराबाद मंडल अध्यक्ष मनोज प्रालिया ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि रक्षाबंधन पर्व भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में आदि अनादि काल से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है। सभी को परंपरागत तरीके से रक्षाबंधन का पर्व मनाते हुए बहनों की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में मनाए जाने वाले सभी पर्व समाज को संदेश देते हैं। रक्षा बंधन का पर्व भी बेटियों के संरक्षण व संवर्द्धन का संदेश समाज को देता है। सभी को बेटियों को शिक्षा व जीवन में आगे बढ़ने के समान अवसर बेटियों को उपलब्ध कराने चाहिए। प्रालिया ने कहा कि आज बेटियां भी बेटों के समान सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है। शिक्षा, चिकित्सा, प्रशासनिक सेवा, राजनीति, समाजसेवा, खेल आदि सभी क्षेत्रों में अपने प्रदर्शन से बेटियां देश व समाज को गौरवान्वित कर रही है। हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक में हरिद्वार की बेटी वंदना कटारिया ने शानदान खेल का प्रदर्शन करते हुए हरिद्वार व उत्तराखण्ड को गौरव बढ़ाया। उनके अलावा टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल की कई महिला खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर पूरे दुनिया में भारत का नाम रोशन किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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