Skip to main content

अखाड़े में शामिल हुए सभी संतों का सम्मान करता है निर्मल अखाड़ा-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह

 


हरिद्वार। बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले डेरे के करीब एक दर्जन संत कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में शामिल हो गए। निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज एवं कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने सभी संतों का फूलमाला पहनाकर व सरोपा भेंटकर स्वागत किया। प्रैसवार्ता में पत्रकारों को जानकारी देते हुए निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि समस्त निर्मल भेख उनका है। निर्मल अखाड़े के सभी संत निर्मल भेख के ही हैं। संतों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रमित होकर कुछ संत भूरी वाले गुट के साथ चले गए थे। लेकिन भ्रांतियां दूर होने पर संत महंत वापस अखाड़े में लौट आए हैं। जैसे-जैसे भूरी वाले गुट की असलियत सामने आ रही है। संतों का भ्रम दूर हो रहा है। जल्द ही सभी संत वापस अखाडे़ में लौट आएंगे। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने भूरी वाले गुट के सभी संतों का स्वागत करते हुए कहा कि निर्मल अखाड़े में निर्मल भेख के सभी संतों का स्वागत है। अखाड़े के द्वार सभी संतों के लिए खुले हैं। अखाड़े की परंपरांओं और सिद्धांतों का पालन करते हुए सभी संतों को राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। हमें आशा है कि बहुत जल्द कई और संत वास्तविकता से परिचित होते हुए अखाड़े में वापस आएंगे। निर्मल अखाड़े में शामिल हुए महंत सतनाम सिंह ने श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज व अखाड़े के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि निर्मल अखाड़ा निर्मल भेख का मूल स्थान है। अज्ञानतावश वे और कुछ अन्य संत भूरी वाले गुट के साथ चले गए थे। महंत हरदेव सिंह महाराज ने कहा कि श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह के नेतृत्व में निर्मल अखाड़ा दिन प्रतिदिन सेवा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। उनकी प्रेरणा और अशीर्वाद से वह सभी अब श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के तत्वाधान भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेंगे। अखाड़े में शामिल होने वाले संतों में महंत दर्शन सिंह, महंत बलवीर सिंह, महंत जगमोहन सिंह, महंत परविन्दर सिंह, महंत अवतार सिंह, महंत हरविन्दर सिंह, महंत सुखजीत सिंह, महंत ब्रह्मस्वरूप सिंह, महंत रामानंद सिंह, महंत सुखप्रीत सिंह आदि संत मौजूद रहे। इस दौरान महंत खेमसिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत गुरजीत सिंह, संत हरजोत सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सुखमन सिंह, संत विष्णु सिंह, संत रोहित सिंह, संत जरनैल सिंह, संत सिमरन सिंह, संत संदीप सिंह, संत शशीकांत सिंह, समाजसेवी देवेंद्र सिंह सोढ़ी ने भी अखाड़े में शामिल हुए संतो का स्वागत किया।


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।