हरिद्वार। सिडकुल क्षेत्र में सिडकुल-सलेमपुर मार्ग पर स्थित एक प्लास्टिक कबाड़ के गोदाम में अचानक आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। गोदाम रिहायशी इलाके में होने के कारण लोगों में हड़कंप मच गया। आग ने गोदाम में खड़े एक ट्रक को भी अपनी चपेट में लिया। आग लगने की सूचना पर पहुची सिडकुल और मायापुर अग्निशमन दल की छह गाड़ियों ने घण्टों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फिलहाल आग लगने का कारण पता नहीं चल सका है। कबाड़ के गोदाम में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक और पन्नियां स्टोर की गई थीं। सिडकुल के डेसों चैक स्थित रिहायशी इलाके के बीच बने कबाड़ के गोदाम में सोमवार को अचानक आग लग गई। गोदाम के चारों तरफ रिहायशी इलाका है। आग लगने के बाद स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लेकिन आग की लपटें देख लोगों के होश फाख्ता हो गए। घरों के भीतर तपन होने के कारण बच्चों को लेकर बाहर निकल आए। प्लास्टिक की पन्नियों और कूड़े को रिसाइकिल करके ठोस ब्लॉक में परिवर्तित किया जाता था। जो प्लास्टिक की कुर्सी और पाइप आदि निर्माण में काम आता है। एफएसओ गोपाल सिंह बिष्ठ ने कहा कि प्लास्टिक कूड़े का गोदाम काफी बड़ा और दोनों तरफ रिहायशी आवासों से घिरा हुआ था। चारों फायर यूनिट ने आग को तीन तरफ से पम्पिंग एंव रिले पम्पिंग और दो कंपनियों से लगातार पानी भरकर आग को लगभग सात घंटे में कड़ी मेहनत से बुझाया। फायर यूनिट में एफएसओ गोपाल सिंह बिष्ट, सुरेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, पुनीत भट्ट, सुमित पुंडीर, संजय कैंतुरा, महेश पुरोहित, अवतार सिंह, प्रेम सिंह, हिमांशु नेगी, कमल सिंह, मदन सिंह, मातबर सिंह, वीरेंद्र चैहान, जगवीर सिंह शामिल रहे
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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