हरिद्वार। ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर सभी के दिलों में जगह बनाने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम से वर्ष 2022 में होने वाले टूर्नामेंट को लेकर काफी उम्मीदें हैं। उन्हीं उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए टीम की कप्तान रानी रामपाल के नेतृत्व में महिला हॉकी टीम जल्द ही तैयारियों में जुटने वाली है। हरिद्वार पहुंची भारत की स्टार खिलाड़ी वंदना कटारिया ने कहा कि ओलंपिक में पदक न लाने का मलाल उनके जेहन में हमेशा रहेगा। लेकिन अब अगले साल होने वाले महिला हॉकी वर्ल्ड कप के साथ ही चीन में होने वाले एशियन गेम पर उनकी निगाह है। टीम से शानदार प्रदर्शन करने की उम्मीद रहेगी। 10 सितंबर से 25 सितंबर 2022 में चीन में एशियन गेम्स होने हैं। वहीं इससे पहले इंग्लैंड के बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम होने हैं। जो अपने आप में ही महत्वपूर्ण है। इसी साल महिला हॉकी का वर्ल्ड कप भी प्रस्तावित है। वंदना कटारिया ने कहा कि अगले साल होने वाले टूर्नामेंट को लेकर टीम जल्द ही अपनी तैयारियां शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि अब अगला लक्ष्य आगामी महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में भारत को पदक दिलाने का रहेगा। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। जिसे वह आगे भी जारी रखने का प्रयास करेंगी। मीडिया से बातचीत के दौरान पिता को याद कर वंदना की आंखें डबडबाई और उन्होंने अपने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए पिता की प्रेरणा को भी सहारा बताया। वंदना ने कहा कि पिता की प्रेरणा से ही वह आज इस मुकाम पर पहुंची हैं। रोशनाबाद के जिस स्टेडियम में पहली बार वंदना कटारिया ने हाथों में हॉकी पकड़ी थी। उसी स्टेडियम में वंदना कटारिया का जिला प्रशासन और खेल विभाग की ओर से स्वागत समारोह आयोजित किया गया था। कार्यक्रम खत्म हुआ ही था कि एक कमरे में बैठी उनकी मां सोरण देवी से वंदना की मुलाकात हुई। डेढ़ साल बाद अपनी मां से मिल रही वंदना लिपट गई और आंसुओं की धारा बहने लगी। यह वह दृश्य था जो हर कोई देख भावुक हो गया और अपने पिता नाहर सिंह की याद पुरानी बातें याद कर वंदना अपने आंसुओं को नहीं रोक पाई। वंदना ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वह इसी बात को याद कर रही थी कि जब वह घर पहुंचेंगी और अपने पिता के कमरे में जाएगी तो उन्हें वहां ना पाकर वह सह नहीं पाएगी। वंदना ने कहा कि पिता की प्रेरणा से ही वह आज इस मुकाम तक पहुंची हैं। पिता का सपना था कि ओलंपिक में भारतीय टीम को मेडल जीतकर लाना है। लेकिन वह सपने के बेहद करीब पहुंची और अंतिम समय तक अपने पिता के सपने के लिए लड़ती रही। हरिद्वार के छोटे से गांव रोशनाबाद से अपनी मेहनत के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना जलवा बिखेरने वाली वंदना कटारिया ने हरिद्वार पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आने वाला समय नए खिलाड़ियों का है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में हॉकी के कई बेहतर खिलाड़ी हैं। यहां से और भी प्लेयर निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह भी इस पर मेहनत कर रही हैं। उन्होंने नए खिलाड़ियों को संदेश देते हुए कहा कि परिश्रम के साथ ही डिसिप्लिन पर भी फोकस करना चाहिए। हार्डवर्ड करने के बाद रिजल्ट जरूर मिलता है और रिजल्ट बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि अब अगला फोकस वर्ल्ड कप, एशियन गेम और कॉमनवेल्थ गेम्स में होगा। जिसमें टीम को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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