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प्राणवायु के स्रोत हैं वृक्ष-स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती

 हरिद्वार। श्री गीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष वयोवृद्ध महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि वृक्ष प्राणवायु के स्रोत हैं। जो मानव जीवन में ऑक्सीजन की पूर्ति करते हैं, वृक्षों से धरती माता का श्रंगार कर मानव जीवन की रक्षा करें। राजा गार्डन स्थित हनुमान मंदिर गौशाला में वृक्षारोपण करते हुए उन्होंने कहा कि दुधारू पशुओं के लिए सूर्य का प्रकाश तथा पीपल और वट वृक्ष की छाया जरूरी होती है। जो 24 घंटे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। वृक्षारोपण प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिवर्ष कम से कम 2 वृक्ष लगाकर उनका पालन पोषण करना चाहिए। इससे पूर्व अपने वृंदावन प्रवास के नित्य कर्मों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने वृंदावन मथुरा मार्ग में भी एक संस्था के सहयोग से सघन वृक्षारोपण का शुभारंभ किया है। जिसमें श्रद्धालु भक्तों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। भारतवर्ष के प्रत्येक धर्म स्थल एवं तीर्थ स्थलों को हरा भरा बनाने का अपना संकल्प दोहराते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या एवं काशी में भी वे अपने भक्तों के सहयोग से वृक्षारोपण कार्यक्रम का शीघ्र ही शुभारंभ करेंगे। अपनी भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि वे प्रत्येक चातुर्मास में वृक्षारोपण अभियान चलाकर भारत माता के जीवनदायिनी स्वरूप को सार्थक बनाएंगे। इस अवसर पर उनके साथ पंजाब ,हरियाणा एवं दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के भक्तों के साथ आश्रमस्थ संत एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।