हरिद्वार। राष्ट्रीय जवाहर लाल नेहरू युवा केंद्र ने 75वें स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाया। केंद्र पर उपस्थित पदाधिकारियों और युवा खिलाडियों ने राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर सलामी दी। नेहरू युवा केंद्र की अध्यक्ष श्रीमती दीपा जोशी ने ध्वजारोहण किया। और इस मौके पर उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे खिलाडियों ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश का नाम रोशन किया। इस लिए शिक्षा के साथ खेलो में बढ़ती युवाओं की रुचि को हमारा केंद्र प्रोत्साहन देता आ रहा है। उसी के तहत हमारे यहां क्रिकेट ,बास्केट बाल ,आदि खेलो का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसका लाभ युवा उठा रहे है। केंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं ने देश भक्ति व उत्तराखंड के लोकगीतों पर अपनी प्रस्तुति दे कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रही बेटियों ने भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस मौके पर सचिव सुखवीर सिंह ,सुभाष घई,पदम प्रकाश शर्मा, डॉ हिमांशु द्विवेदी, जितेंद्र अरोड़ा, अरुण शर्मा , डॉ नरेश मोहन शर्मा, ओ पी चैहान ,अंबिका पांडेय ,श्रीमती अंजू द्विवेदी,,विभोर ,ललित, नितिन, अनिल शर्मा , आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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