हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड ने अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति उत्तराखंड के आह्वान पर मेला चिकित्सालय परिसर में गेट मीटिंग कर कर्मचारियों को 27 सितंबर को महारैली की जानकारी दी। महारैली भगत सिंह चैक से शाम 5 बजे प्रेमनगर घाट पर जाकर सभा में परिवर्तित होगी। गेट मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा और जिलाध्यक्ष शिवनारायण सिंह ने कहा कि कर्मचारियों का शोषण और उत्पीड़न अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार और शासन कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रहा है, जोकि न्यायोचित नहीं है। मांगों में एसीपी 10,16 और 26 किए जाने, डीए 11 प्रतिशत एरियर का भुगतान किये जाने, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को स्टर्फिंग पैटर्न का लाभ देते हुए 42 सौ ग्रेड पे, पदोन्नति सहित 18 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में सभी जनपदों में महारैली का आयोजन किया जाएगा। 27 सितंबर को रैली कर सरकार को जगाने का प्रयास करेंगे। इसके बाद 5 अक्तूबर को प्रदेश के कर्मचारी राजधानी देहरादून में सड़कों में उतरेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक धवन और संगठन सचिव संदीप शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। प्रदेश के मुखिया ने कोविड महामारी के समय अपनी जान पर खेलकर कार्य करने वाले कर्मियों को प्रोहत्साहन भत्ता दिए जाने की घोषणा की थी, किन्तु अभी तक केवल चिकित्सकों के नाम पर 10 हजार की स्वीकृति हुई है। ठेके के सफाई कर्मचारी, संविदा कर्मियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों, नर्सेस संवर्ग के लिए अभी तक कोई भी प्रोहत्साहन भत्ते की स्वीकृति महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा जारी नहीं की गई है, जोकि न्यायोचिय नहीं है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जल्द स्वीकृति नहीं आई तो महानिदशक को पत्र देकर आंदोलन की घोषणा की जाएगी। गेट मीटिंग में शीशपाल, मूलचंद चैधरी, दिनेश नौटियाल, सुरेश चंद, राकेश भंवर, राजेन्द्र तेश्वर, दीपक धवन, संदीप शर्मा, महेश कुमार, विजय आनंद, अजय रानी, मुन्नी देवी आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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