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हर्षाेल्लास के साथ मनाई गयी भगवान श्रीचंद्र की 527वीं जयंती

हरिद्वार। उदासीन सम्प्रदाय के आचार्य भगवान श्री श्रीचंद्र की 527वीं जयंती कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए हर्षाेल्लास के साथ मनाई गई। जयंती के अवसर पर संतों ने चंद्राचार्य चैक पहुंचकर भगवान श्रीचंद्र की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। इसके बाद अखाड़े में अभिषेक कर आरती पूजन किया। इस दौरान सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष मौजूद रहे। इस अवसर पर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि उदासीन सम्प्रदाय के आचार्य भगवान श्रीचंद्र संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। उन्होंने अपनी अद्वितीय एवं अतुलनीय विद्वता से समाज का मार्गदर्शन कर समरसता का संदेश दिया। युवा अवस्था में ही सम्पूर्ण विश्व का भ्रमण कर अखंड साधना, आत्मदर्शन और धर्मसेवा के माध्यम से समाज और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान प्रदान किया। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर मानव सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। कोठारी महंत दामोदर दास ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र ने सदैव अपने जीवनकाल में समाज को शिक्षित कर भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का संदेश दिया। संतों के सानिध्य में ही व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। जिससे वह सदैव सत्कर्मों की ओर अग्रसर रहता है। उन्होंने कहा कि श्रीचंद्र भगवान ने समाज में फैली अज्ञानता को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाया। उनके आदर्शाे पर चलकर संत समाज लोक कल्याण के कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि सभी परंपराएं कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए निभाई गई। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्माणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, श्रीमहंत देवानंद सरस्वती, बाबा हठयोगी, स्वामी दुर्गादास, महामंडलेश्वर कपिल मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप, कोठारी महंत जयेंद्र मुनि, कारोबारी महंत सत्यानंद, कोठारी दर्शन दास, कारोबारी मुरली दास, कारोबारी बलवंत दास, कोठारी निरंजन दास, कारोबारी गोविंद दास, कोठारी प्रेमदास, कारोबारी ब्रह्म मुनि, केवल्या नंद स्वरूप, महंत शंकरानंद, महंत गंगादास, मेयर अनीता शर्मा, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष सुनील अग्रवाल, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, राजेश शिवपुरी, पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप चैधरी, नरेश शर्मा, भूपेंद्र कुमार ने अखाड़े में भगवान श्रीचंद्र की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनकी शिक्षाओं के अनुरूप समाज कल्याण में योगदान का संकल्प लिया।


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