हरिद्वार। बैरागी संतो ने हरिद्वार क्षेत्र को मांस मदिरा मुक्त करने की मांग की है। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े में बैठक कर संतो ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि हर की पैड़ी क्षेत्र से 10 किलोमीटर के एरिया में मांस मदिरा को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाए। अखिल भारतीय श्री पंच निर्माेही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा में 10 किलोमीटर के दायरे में मांस मदिरा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया है और साधु संतों का सम्मान किया है। उनका यह फैसला सराहनीय है। हरिद्वार जिला प्रशासन और राज्य सरकार को भी साधु संतों की मर्यादा का ध्यान रखते हुए 10 किलोमीटर के क्षेत्र को मांस मदिरा से मुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड का द्वार हरिद्वार क्षेत्र प्राचीन कॉल से ऋषि मुनियों की तपस्थली है। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि हरिद्वार में हरकी पैड़ी मंशा देवी, चण्डी देवी, मायादेवी, बिल्केश्वर महादेव, नीलेश्वर महादेव, दक्ष प्रजापति मंदिर जैसे पौराणिक स्थल होने के बावजूद मदिरा की बिक्री हो रही है। जिससे क्षेत्र में अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है। पूरा हरिद्वार नशे की गिरफ्त में आ चुका है और राज्य सरकार और प्रशासन को शक्ति दिखाते हुए मांस मदिरा के खिलाफ जल्द से जल्द कड़े नियम लागू करने चाहिए। अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि देश दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु भक्त पतित पावनी मां गंगा में डुबकी लगाकर अपना जीवन कृतार्थ करने के लिए आते हैं और लाखों संतो की आस्था हर की पौड़ी और संपूर्ण हरिद्वार के तीर्थ स्थल से जुड़ी है। वैरागी संत समाज सरकार से मांग करता है कि हर की पैड़ी सहित हरिद्वार क्षेत्र को मांस मदिरा से मुक्त रखा जाए। उन्होंने कहा कि नशे के सेवन से युवा पीढ़ी बुरी तरह घिर चुकी है। आए दिन धर्मनगरी की मर्यादा तार तार हो रही है। प्रशासन को अवैध रूप से बिक रहे शराब एवं अन्य नशीले पदार्थों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना चाहिए। ताकि युवा वर्ग नशे के इस जाल से बाहर निकल सके। इस दौरान श्रीमहंत किशोरदास, महंत विष्णु दास, महंत रघुवीर दास, महंत रामशरण दास, महंत बिहारी शरण, नागा महंत सुखदेव दास, महंत गोविंद दास, ब्रह्म बाबा आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment