वल्र्ड बाॅडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे गुर्जर
हरिद्वार। मनोज खन्ना-अगले महीने उज्बेकिस्तान में होने वाली वल्र्ड बाॅडी बिल्डिंग चैम्पियन में हरिद्वार के कपिल गुर्जर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। शनिवार को प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कपिल गुर्जर ने बताया कि वे एथलेटिक फिजिक में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए गोल्ड मेडल हासिल करना उनका लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इंडियन बाॅडी बिल्डिंग फेडरेशन की और से चण्डीगढ़ में आयोजित टायल में उनका चयन वल्र्ड चैम्पियनशिप के लिए हुआ है। कपिल गुर्जर ने बताया कि प्रतियोगिता में करीब तीस खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। जिनमे उत्तराखण्ड के तीन खिलाड़ी शामिल हैं। कपिल गुर्जर ने कहा कि एथलीट को राज्य सरकार की और कोई प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। अन्य राज्यों में खिलाड़ियों को तैयारी के लिए सात से आठ लाख रूपए की मदद सरकार की और से दी जा रही है। लेकिन उत्तराखण्ड में खिलाड़ियों को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि बाॅडी बिल्डिंग जैसे खेल की तैयारी करने के लिए करीब 15 लाख रूपए एक वर्ष में खर्च होते हैं। यदि सरकार मदद करे तो खिलाड़ी और बेहतर प्रदर्शन कर राज्य व देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री व खेल मंत्री से मुलाकात कर खिलाड़ियों की पीड़ा से अवगत कराएंगे। भाजपा नेता अनिल पुरी ने कहा कि उत्तराखण्ड एवं देश का गौरव बढ़ाने का काम कपिल गुर्जर ने किया है। वल्र्ड बाॅडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप के लिए कपिल गुर्जर का चयन होना धर्मनगरी के लोगों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से वार्ता कर खिलाड़ियों की समस्याओं से अवगत कराने का काम करेंगे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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