हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग और अवस्तंभ इंडिया कानपुर की ओर से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। अवस्तंभ कानपुर और गुरुकुल कांगड़ी की ओर से हुई कार्यशाला को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि आज के परिपेक्ष को देखते हुए नई तकनीक को अपनाने की जरूरत है। आज कोरोना काल में भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं है। विश्वविद्यालय व अन्य कॉलेज में शोध के लिए बजट में कटौती की गई है।यह बजट जो सरकार की ओर से दिया जाता है, उसका बहुत सा हिस्सा केमिकल्स को खरीदने में प्रयोग किया जाता है। लेकिन बायोइनफॉर्मेटिक्स की ओर से केमिकल्स का प्रयोग नहीं होता। प्रोफेसर आरसी दुबे ने कहा कि बायोइनफॉर्मेटिक्स आज के समय की जरूरत है। इस टेक्नोलॉजी को अपनाकर बहुत सारे कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं। जैसे ड्रग डिस्कवरी, ड्रग, टारगेटिंग, वैक्सीन डेवलपमेंट आदि शामिल हैं। अवस्तंभ के सीईओ डा. अश्वनी कुमार गौड़ ने बायोइनफॉर्मेटिक्स के बहुत सारे उपयोग प्रतिभागियों को विस्तार में बताएं। असिस्टेंट प्रोफेसर हरीश चंद्रा ने कहा कि ऐसी कार्यशाला छात्र-छात्राओं के लिए काफी लाभदायक है, जो बच्चे घर बैठकर भी इसका लाभ ले सकते हैं।इस मौके पर प्रोफेसर मुकेश शर्मा, डा. कार्तिकेय कुमार गुप्ता, विनीत कुमार विश्नोई, डा.संदीप कुमार, डा.चिरंजीव बनर्जी, डा.कल्पना सागर, डा.बिरेंद्र वाहला आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment