हरिद्वार। शांतिकुंज में पितृपक्ष के अवसर पर निशुल्क श्राद्ध संस्कार का आयोजन किया जा रहा है। श्राद्ध पक्ष के प्रथम दिन एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने-अपने पितरों को याद कर भावांजलि अर्पित की। शांतिकुंज के सभागार में आयोजित श्राद्ध संस्कार में आश्रमवासी भाई-बहिनों के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से आये श्रद्धालुओं ने जलांजलि समर्पित की। अपने संदेश में गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि श्राद्ध का प्रमुख उद्देश्य दिवंगत जीव को अपने भविष्य की तैयारी में लगने के लिए और वर्तमान कुटुम्ब से मोह-ममता छोड़ने के लिए प्रेरणा देना है। मोह-ममता ही दिवंगत आत्मा की भावी प्रगति में बाधा बनती है और कष्टदायक होती है। इस मोह-ममता व कष्ट से छुटकारा दिलाने तथा दिवंगत आत्मा की सहायता करने का प्रयोजन श्राद्ध तर्पण संस्कार से पूरा होता है। उन्होंने कहा कि श्राद्ध की महत्ता को भली-भांति जानकर ही भारतीय संस्कृति में ही नहीं, संसार के लगभग सभी धर्मों, सम्प्रदायों और पंथों के लोग अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार इसे सम्पन्न करते हैं। शांतिकुंज स्थित संस्कार प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के अनुसार श्राद्ध पक्ष के प्रथम दिन शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्त्ताओं के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली सहित देशभर से आये श्रद्धालुओं ने अपने-अपने पितरों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की याद में एक-एक पौधा रोपने तथा सत्साहित्य की स्थापना का संकल्प लिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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